लखनऊ,30 जुलाई एएनएस।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति के उद्देश्य को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि इसी एजेंडा के मुताबिक नई पीढ़ी को ढालने की कोशिश में अब पाठ्यक्रम को भी खास रंग में पेश किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के पीछे का उद्देश्य आरएसएस के एजेण्डा को लागू करना है। इस एजेंडा के मुताबिक नई पीढ़ी को ढालने की कोशिश में अब पाठ्यक्रम को भी एक विशेष रंग में प्रस्तुत किया जाएगा।’
उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘जो सरकार सामाजिक समरसता एवं सद्भाव के सांस्कृतिक मूल्यों एवं संविधान के सिद्धांतों को निरन्तर नष्ट कर रही है और उनसे स्वयं कोई शिक्षा नहीं ले रही है, वह शिक्षा नीति में कोई भी बदलाव कर ले या मंत्रालय का नाम बदल ले, उससे कुछ होने वाला नहीं है।’ सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा बच्चों के भविष्य का राजनीतिकरण न करे। शिक्षा-व्यवस्था ऐसी हो, जिसमें उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।
उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘भाजपा ने अब तक अपनी एक भी योजना नहीं लागू की, समाजवादी सरकार की योजनाओं पर ही अपना नाम चस्पा कर खुद की वाहवाही कर लेती है लेकिन भाजपा नेतृत्व के इस छल प्रपंच को जन साधारण के साथ भाजपा विधायक-सांसद जान गए हैं और वे भी अब विरोध में आवाज उठाने लगे हैं।’ अखिलेश यादव ने दावा किया कि भाजपा नेतृत्व के तमाम ‘जनविरोधी कृत्यों’ से इस दल के सांसदों एवं विधायकों में भी असंतोष पनप रहा है।