लखनऊ, 12 मई (ए) समाजवादी पार्टी (सपा) ने शुक्रवार को नगर निकाय चुनावों में अपने पक्ष में भारी मतदान का दावा करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि अपनी होने वाली करारी हार से बौखलाई भाजपा अब जनादेश को बदलने की कुत्सित साजिश कर रही है।.
उत्तर प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के लिए राज्य के 75 जिलों में चार मई और 11 मई को मतदान हुआ और 13 मई, शनिवार को मतगणना होगी।.सपा मुख्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विरोधी दल अखिलेश यादव की नीतियों से प्रभावित होकर प्रदेश के मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को भारी मतदान किया।’’
दोनों नेताओं ने कहा, ‘‘अपनी करारी हार से बौखलाई भाजपा अब सत्ता बल से चुनाव परिणामों को प्रभावित कर जनादेश को बदलने की कुत्सित साजिश कर रही है।”
पटेल ने कहा कि प्रदेश में हुए नगर निकाय के चुनावों में भाजपा सरकार के खिलाफ व्यापक माहौल रहा।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार के तमाम मंत्री, नेताओं ने भ्रामक प्रचार किया, भाजपा ने जनता से छल किया है और यह दिखाना चाहती है कि शहरी मतदाता सपा को पसंद नहीं करते।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले चरण में भाजपा के पिछड़ने के बाद दूसरे चरण में मतदान प्रभावित करने के लिए ही मतदान प्रतिशत कम कराने की रणनीति पर काम किया गया।
मनोज पाण्डेय ने कहा कि निकाय चुनाव नियमावली में चक्रवार गणना में हर चक्र में प्रत्याशियों को मिले वैध, अवैध तथा कुल मतों का ब्यौरा ब्लैक बोर्ड पर लिखने के साथ तत्काल घोषित करने और ऑनलाइन फीडिंग के साथ ध्वनि विस्तारक से 2-2 घंटे के अंतराल पर गणना का परिणाम बताने का भी प्रावधान है, लेकिन 15 अप्रैल 2023 को जो नया संशोधन जारी किया गया है, वह ठीक नहीं है।
पाण्डेय ने कहा कि नए नियमों से आशंका होती है कि भाजपा सरकार जनादेश के साथ खिलवाड़ करना चाहती है, नए संशोधित नियम अव्यवहारिक भी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने निकाय चुनावों में मतदान धीमा कराने, मतदाताओं को डराने-धमकाने तथा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अभद्र व्यवहार के साथ उन्हें वोट डालने के लिए घर से नहीं निकलने दिया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा प्रशासन का दुरूपयोग करके लोकतांत्रिक व्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश की गयी है।