नयी दिल्ली, चार अगस्त (ए) उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के कुछ दिन बाद शुक्रवार को कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण को परिभाषित करना जटिल है, लेकिन उनसे निपटने में असली समस्या कानून और न्यायिक घोषणाओं के क्रियान्वयन एवं निष्पादन की है।.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ हरियाणा में सांप्रदायिक झड़पों को लेकर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हिंदूवादी संगठनों-विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा आयोजित की जाने वाली रैलियों तथा नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ अन्य याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने पूछा कि कि क्या कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।.