पटना, 30 अप्रैल (ए) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने गृह जिला नालंदा से 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं के संबंध में पूछे गए सवालों को रविवार को बड़े ही आसानी से टाल गए।.
जद (यू) नेता नीतीश इस सीट से सांसद और 2005 में लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद वह बिहार के मुख्यमंत्री बने।नीतीश की पार्टी, हालांकि, सीट को बरकरार रखने में सक्षम रही है। मौजूदा सांसद कौशलेंद्र कुमार, जो लगातार तीसरी बार अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, ने शनिवार को कहा था कि अगर उनके गुरु मैदान में उतरना चाहते हैं तो वह सीट छोड़ने को तैयार हैं।
सांसद के बयान को लेकर पत्रकारों द्वारा सवाल किए जाने पर नीतीश ने टालते हुए कहा, ‘‘छोड़िये ना। आप चिंता क्यों करते हैं?’’
संयोग से, पिछले साल अगस्त में नीतीश के भाजपा छोड़ने के तुरंत बाद, ऐसी अटकलें लगायी जा रही थीं कि वह उत्तर प्रदेश से सटे फूलपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कभी जवाहर लाल नेहरू किया करते थे और यहां के मतदाताओं में बड़ी आबादी कुर्मी जाति की है।
लोकसभा चुनाव, 2024 में विपक्ष को एकजुट करके पूर्व सहयोगी भाजपा को हराने की बात करने वाले जद (यू) नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी के प्रसारण पर टिप्पणी करने से हिचकते दिखे।
पिछले साल नीतीश के राजग से बाहर होने के परिणामस्वरूप बिहार में सत्ता गंवाने वाली भाजपा नीतीश की राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे कद्दावर विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात करने से भड़की हुई है और उसने स्पष्ट रूप से दावा किया है कि ‘‘2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई रिक्ति नहीं है।’’
अटल बिहारी वाजपेयी नीत सरकार में महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार संभालने वाले नीतीश 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी उम्मीदवारी के अटकलों पर स्पष्ट कर चुके हें कि उनकी ऐसी कोई ‘‘महत्वाकांक्षा नहीं’ है।