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परमार दम्पति आत्महत्या कांड : राहुल गांधी ने दंपति के बच्चों से बात की

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भोपाल: 14 दिसंबर (ए) मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में व्यवसायी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा परमार द्वारा कथित रूप से आत्महत्या किये जाने के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दंपति के बच्चों से बात की।

दंपति ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख जीतू पटवारी

शनिवार दोपहर आष्टा कस्बे में दंपति के बच्चों से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे।

परमार दंपति ने शुक्रवार को कथित तौर पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी और एक सुसाइड नोट छोड़ा था।

सोशल मीडिया पर सामने आए कथित सुसाइड नोट में परमार ने गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं से उनके बच्चों को अकेला न छोड़ने का आग्रह किया और ईडी तथा भाजपा नेताओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।

राहुल गांधी ने शनिवार को फोन पर परमार दंपत्ति के बच्चों दो बेटों और एक बेटी से बात की।

दंपति के बड़े बेटे ने राहुल गांधी को फोन पर बताया कि उसके पिता ने भाजपा में शामिल होने के लिए ईडी के दबाव के आगे झुकने के बजाय खुदकुशी करना चुना।

कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि परमार के बच्चों ने राहुल की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान अपनी गुल्लक भेंट की थी।

राहुल से बातचीत के दौरान दंपति की बेटी ने उम्मीद जताई कि वह (राहुल) आष्टा शहर में उनसे मिलने आएंगे।

राहुल ने बच्चों को सांत्वना दी।

पटवारी ने राहुल को स्थिति और सुसाइड नोट की विषय-वस्तु के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि दंपति ने राहुल और कांग्रेस नेताओं से उनके स्कूल जाने वाले बच्चों का ख्याल रखने की आग्रह किया है।

पटवारी ने राहुल से कहा कि अगर वह व्यस्त हैं और उनके पास आने का समय नहीं है तो वह खुद बच्चों को दिल्ली ले आएंगे।

ईडी के भोपाल क्षेत्रीय अधिकारी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत पांच दिसंबर को सीहोर और इंदौर जिलों में परमार और अन्य लोगों के चार परिसरों पर छापेमारी की थी।

ईडी ने बताया कि छापेमारी में उन प्रमुख व्यक्तियों के आवासीय परिसर शामिल थे, जो अपराध की आय के लाभार्थी थे या जिन्होंने बैंक धोखाधड़ी में ऐसे व्यक्तियों की सक्रिय रूप से सहायता की या उन्हें बढ़ावा दिया।

एजेंसी ने दावा किया कि उसने आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।

ईडी ने बताया कि उसने छापेमारी के दौरान कुछ व्यक्तियों के बयान दर्ज किए और 3.5 लाख रुपये की बैंक राशि के लेन देन पर रोक लगा दी।

संघीय एजेंसी को छापेमारी के दौरान प्रमुख व्यक्तियों की चार अचल संपत्तियों का विवरण भी मिला।

एक बयान के अनुसार, ईडी ने परमार और पीएनबी के एक वरिष्ठ शाखा प्रबंधक के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की।

बयान में बताया गया कि ईडी की जांच जारी है।

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