जलगांव (महाराष्ट्र), पांच सितंबर (ए) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर जारी चर्चा के बीच मंगलवार को मांग की कि केंद्र सरकार आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाए और इसे 15-16 प्रतिशत तक बढ़ाए ताकि अन्य समुदाय इसमें शामिल किए जा सकें।.
राकांपा अध्यक्ष ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के सभी दलों के प्रमुखों की बुधवार को एक बैठक बुलाई है।.
यह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विभिन्न मोर्चों पर एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय सरकारी नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है।
पवार ने मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा आरक्षण में ही जगह देने की कुछ नेताओं की मांग पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘कुछ लोगों का कहना है कि और लोगों (समुदायों) को ओबीसी आरक्षण का लाभार्थी बनाना ओबीसी आरक्षण के गरीब लोगों के साथ अन्याय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास संसद में केंद्र द्वारा आरक्षण की मौजूदा 50 फीसदी सीमा में संशोधन किए जाने और इसे 15-16 प्रतिशत तक बढ़ाने का विकल्प है।’’
पवार ने कहा कि ओबीसी तथा अन्य समुदायों के बीच कोई फर्क नहीं होना चाहिए।
महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति पर पवार ने कहा कि सरकार को मवेशियों के लिए चारा, पेयजल उपलब्ध कराने, फसलों को बचाने के लिए कदम उठाने, किसानों को आर्थिक सहायता तथा सभी प्रकार के राज्य कर निलंबित करने जैसे कुछ कदम उठाने की जरूरत है।
मराठा आरक्षण का मुद्दा गत सप्ताह तब फिर चर्चा में आया जब पुलिस ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक भीड़ पर लाठीचार्ज किया और लोगों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे एक व्यक्ति को कथित तौर पर अस्पताल में भर्ती कराने नहीं दिया जिसके बाद यह हिंसा हुई।
जालना में हुई हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए और राज्य परिवहन की 15 से अधिक बस फूंक दी गईं।