पहलगाम हमले में मारे गये महाराष्ट्र के छह निवासियों के परिजन को ‘नागरिक शौर्य’ पुरस्कार मिले: सुले

राष्ट्रीय
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पुणे: 27 अप्रैल (ए) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र सरकार से पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए राज्य के छह लोगों के परिजनों को सम्मानित करने का रविवार को आग्रह किया।

सुले ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र दिवस पर ‘नागरिक शौर्य’ पुरस्कार दिया जाना चाहिए। महाराष्ट्र दिवस 1960 में राज्य की स्थापना के उपलक्ष्य में एक मई को मनाया जाता है।

डोंबिवली के अतुल श्रीकांत मोने, हेमंत सुहास जोशी एवं संजय लक्ष्मण लेले, पुणे के कौस्तुभ गणबोटे एवं संतोष जगदाले तथा नवी मुंबई स्थित पनवेल के दिलीप देसले उन 26 लोगों में शामिल हैं जो कश्मीर में अनंतनाग जिले के पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में मारे गए।

बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को संबोधित एक पत्र में कहा, ‘‘पूरा देश एकजुट होकर इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा कर रहा है। इस भयावह घटना के दौरान परिवारों ने जो बहादुरी दिखाई, वह वाकई सराहनीय है। अपने प्रियजनों को बेरहमी से मारे जाते देखने के बावजूद उन्होंने असाधारण साहस का परिचय दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन परिवारों की दृढ़ता एवं साहस को सम्मानित करने के लिए उन्हें नागरिक शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। प्रत्येक शोक संतप्त परिवार के एक सदस्य को उसकी शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।’’

सुले ने जगदाले की बेटी असावरी का विशेष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि असावरी ने उच्च शिक्षा हासिल की है और उन्हें सरकारी नौकरी में उपयुक्त रूप से समायोजित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कदम दुख की घड़ी में अपने नागरिकों के साथ खड़े होने की महाराष्ट्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि इन बहादुर परिवारों को अकेला न छोड़ा जाए।’’

राकांपा (एसपी) नेता ने उम्मीद जताई कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार उनके अनुरोध पर सकारात्मक कदम उठाएगी और जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेगी।

उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत को एक बार फिर रेखांकित किया है।

अनंतनाग जिले में पहलगाम के ऊपरी इलाकों में स्थित लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन में मंगलवार को आतंकवादियों के हमले में 26 लोग मारे गए। इनमें से अधिकतर पर्यटक थे।