पुणे (महाराष्ट्र), 24 अगस्त (ए) चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सफल ‘लैंडिंग’ पुणे की भारी इंजीनियरिंग कंपनी वालचंदनगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (डब्ल्यूआईएल) के लिए खुशी का दोहरा मौका है क्योंकि उसने प्रक्षेपण यान में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण बूस्टर खंड का अपनी इकाई में निर्माण और परीक्षण किया।.
कंपनी ने बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि वह पिछले 50 वर्षों से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सफलता पथ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के समय उसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।.अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में बड़ी सफलता हासिल करते हुए भारत का चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। इस अभियान के साथ भारत चांद के दक्षिणी घ्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
विज्ञप्ति में कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चिराग दोशी के हवाले से कहा गया, ‘‘डब्ल्यूआईएल की विशेष इकाई में चंद्रयान-3 मिशन के एलवीएम-3 प्रक्षेपण यान में इस्तेमाल किए जाने वाले महत्वपूर्ण बूस्टर खंड एस 200 का निर्माण किया गया था और दबाव का (विशेष रूप से अगले, मध्य और ऊपरी 3.2 व्यास वाले हिस्से) परीक्षण किया गया था।’’
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता और विश्वसनीयता के लिए मजबूत प्रणालियों के साथ डब्ल्यूआईएल की अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाएं सफलता सुनिश्चित करने के लिए इसरो के कड़े विनिर्देशों का अनुपालन करने में मदद करती हैं।
दोशी ने कहा, ‘‘हमें मंगलयान, चंद्रयान-1 और 2 तथा अब 3, एसएलवी 3, एएसएल, पीएसएलवी, जीएसएलवी एमके-दो, एमके-तीन जैसे पूर्व के सभी महत्वपूर्ण मिशन में अपने योगदान पर बेहद गर्व है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हमें गर्व महसूस हो रहा है क्योंकि विक्रम लैंडर बुधवार को चंद्रमा की सतह पर शानदार ढंग से उतरा।’’
कंपनी ने कहा कि चंद्रयान-3 कंपनी की राष्ट्र-निर्माण की 115 साल की विरासत और भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के गहरे संकल्प का एक और प्रमाण है।दोशी ने कहा, ‘‘विश्वसनीय भागीदार के रूप में हमें भारत के गौरव- इसरो का अभिन्न अंग होने पर गर्व है और हम सफलता की इसकी उल्लेखनीय यात्रा में और योगदान देने के लिए तत्पर हैं।’’