पुलिस ने तीन घंटे तक कार का पीछा कर अगवा भाई-बहन को बचाया

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 29 जून (ए) दिल्ली पुलिस ने करीब तीन घंटे तक कार का पीछा करके लक्ष्मी नगर इलाके से अपह्रत भाई-बहन को बचा लिया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि आरोपियों ने भाई-बहन के माता-पिता से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।पुलिस ने शनिवार को बताया कि यह घटना शुक्रवार रात को हुई, जब माता-पिता अपने बच्चों को चलती गाड़ी में छोड़कर पास की एक हलवाई की दुकान पर चले गए।अधिकारियों के अनुसार, घटना रात करीब 11.40 बजे हुई जब एक दंपत्ति लक्ष्मी नगर विकास मार्ग पर एक हलवाई की दुकान पर गया और अपने दो बच्चों को दुकान के बाहर खड़ी कार में छोड़ दिया। दंपत्ति ने बच्चों के लिए एसी चालू करके गाड़ी को चालू रखा और मिठाई खरीदने के लिए अंदर चले गए। इस दौरान एक संदिग्ध ने गाड़ी का दरवाजा खोला और बच्चों को अंदर लेकर भाग गया। अधिकारियों ने बताया, “माता-पिता मिठाई खरीदने के लिए हीरा स्वीट्स के अंदर गए थे, तभी कार चोरी हो गई। जब वे वापस आए तो उनकी गाड़ी और बच्चे गायब थे। बाद में उन्होंने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई।”पुलिस को सूचना मिली कि एक ग्यारह वर्षीय लड़की और तीन वर्षीय लड़के का उनकी कार में अपहरण कर लिया गया है, जो दुकान के सामने खड़ी थी और उसका इंजन चालू था। अधिकारियों ने बताया कि अपहरणकर्ता ने अपहरण के दौरान पीड़ित की मां के फोन के जरिए बातचीत कर माता-पिता से 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत बचाव दल को सक्रिय कर दिया।एसएचओ शकरपुर और पीड़िता की मां, एसएचओ लक्ष्मी नगर और पीड़िता के पिता ने पीएस शकरपुर की दो अतिरिक्त टीमों के साथ तकनीकी निगरानी के आधार पर कार का पीछा करना शुरू कर दिया। तलाशी अभियान के लिए स्पेशल स्टाफ, एएनएस और एसीपी मधु विहार की टीमों को भी लगाया गया। एएनआई से बात करते हुए एडिशनल डीसीपी ईस्ट अवनीश कुमार ने बताया कि सूचना मिलने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस की कई टीमें बनाई गईं। 20 वाहनों में 40 से 50 पुलिसकर्मी पीड़िता की कार का पीछा कर रहे थे।खुद को घिरता देख अपराधी कार और बच्‍चों को छोड़कर भाग खड़े हुए।पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ हैं. उन्हें उनके माता-पिता से मिलवाया गया है. आभूषण और मोबाइल फोन सहित कुछ कीमती सामान भी सही-सलामत पाए गए, क्योंकि अपहरणकर्ता को कुछ भी लेने का समय नहीं मिला. अन्य जिलों की पुलिस टीमों विशेष रूप से बाहरी उत्तरी जिले और आरपीएफ ने भी इस ऑपरेशन में बहुत मदद की और उनकी त्वरित कार्रवाई और सहयोग से इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.