दिल्ली, 12 दिसंबर (ए) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर हैंडल रविवार को कुछ समय के लिए हैक कर लिया गया और इससे एक ट्वीट किया गया कि भारत ने ‘‘आधिकारिक रूप से बिटकॉइन को कानूनी मान्यता दे दी है।’’
बाद में, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि ट्विटर के समक्ष मामला उठाए जाने के बाद अकाउंट को तुरंत सुरक्षित कर लिया गया।
पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर हैंडल कुछ देर के लिए हैक कर लिया गया था। मामले को ट्विटर के समक्ष उठाया गया और अकाउंट को तत्काल सुरक्षित कर लिया गया। अकाउंट के कुछ समय तक हैक रहने के दौरान साझा किए गए किसी भी ट्वीट को नजरअंदाज किया जाए।’’
प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत ट्विटर हैंडल को कुछ समय के लिए हैक किए जाने के बाद एक ट्वीट में यह भी दावा किया गया कि भारत ने आधिकारिक तौर पर 500 बीटीसी खरीदें हैं और उन्हें वह अपने नागरिकों के बीच वितरित कर रहा है और इस संबंध में एक लिंक भी साझा किया गया।
इसमें कहा गया, भविष्य आज आपके सामने है।
कई यूजर ने तत्काल कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अकाउंट हैक हो गया है। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी. वी. जैसे कुछ लोगों ने अब हटाए जा चुके ट्वीट का स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, ‘‘सुप्रभात मोदी जी, सब चंगा सी?’’
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री से जुड़े किसी ट्विटर हैंडल से छेड़छाड़ की गई है। सितंबर 2020 में, उनकी निजी वेबसाइट का हैंडल हैक कर लिया गया था और तब भी एक अकाउंट से बिटकॉइन को बढ़ावा देने वाले ट्वीट पोस्ट किए गए थे।
मोदी का अकाउंट अकेला नहीं है जिसे हैकर ने क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को बढ़ावा देने के लिए निशाना बनाया है। इससे पहले अमेरिका के पूर्व प्रधानमंत्री बराक ओबामा, बिल गेट्स सहित कई प्रसिद्ध हस्तियों के अलावा मनोरंजन जगत से जुड़े लोगों के ट्विटर हैंडल को निशाना बनाया जा चुका है।
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत का रुख सख्त है। मोदी क्रिप्टो से जुड़े जोखिमों को उजागर करने में मुखर रहे हैं। हाल में प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आयोजित लोकतंत्र शिखर सम्मेलन और सरकारी अधिकारियों के साथ आंतरिक बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा भी की थी।
सरकार ने चिंता व्यक्त की है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ लुभाने और आतंकी गतिविधियों और धन शोधन के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है। इस मुद्दे से निपटने के लिए कानून लाने की संभावना है।
केंद्र सरकार के क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक पेश करने की संभावना है और उसने चिंता व्यक्त की है कि उनका इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ लुभाने और आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है।