नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (ए) गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सात वर्ष में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी है और जब भी कोई फैसला लिया जाता है तो कोई भी उसकी मंशा पर सवाल खड़े नहीं कर सकता।
फिक्की की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक यह रही है कि वह देश की विकास प्रक्रिया में 60 करोड़ लोगों को लेकर आयी जो आजादी के बाद से विकास से वंचित थे और सरकार ने लोकतंत्र में उनका भरोसा बढ़ाने में मदद की।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले सात वर्ष में भ्रष्टाचार का एक भी उदाहरण नहीं रहा है। हमने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी है। हमने कई फैसले लिए और एक या दो गलत हो सकते हैं। लेकिन कोई भी, यहां तक कि आलोचक भी यह कह नहीं सकते कि हमारी नीयत में खोट है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव आए हैं और आजादी के बाद से देश की विकास प्रक्रिया से वंचित रहे 60 करोड़ लोगों को इसमें भागीदार बनाया गया।
शाह ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ की बैठक में कहा, ‘‘60 करोड़ लोग ऐसे थे जिनका बैंक खाता नहीं था, उनके पास बिजली, गैस कनेक्शन या स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थीं। मोदी सरकार ने ये सभी सुविधाएं उन्हें दी और इसने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनका भरोसा बढ़ाने में मदद की।’’
मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व और देश की 130 करोड़ आबादी की भागीदारी के कारण कोविड-19 महामारी को सीमित किया गया।
शाह ने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 बिना किसी खून खराबे के हटा लिया जाएगा और किसी ने नहीं सोचा था कि राम जन्मभूमि विवाद शांतिपूर्ण तरीके से हल कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वामपंथी चरमपंथ लगभग खत्म हो गया है, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में काफी सुधार आया है, महत्वपूर्ण और नयी शिक्षा नीति बनायी गयी है और अगले 100 वर्ष को ध्यान में रखते हुए जल नीति भी बनायी गयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो मोदी सरकार ने नहीं छूआ। पिछले सात वर्ष में बड़े बदलाव आए हैं।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने 50 वर्ष में चार से पांच बड़े फैसले लिए लेकिन मोदी सरकार ने पिछले सात वर्ष में कम से कम 50 बड़े फैसले लिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोधी 155 करोड़ खुराकें दी गयी, अर्थव्यवस्था में गति रही है और निर्यात भी बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि अगर महामारी के बाद कोई देश मजबूत आर्थिक गतिविधियों के साथ सामने आया है तो वह भारत है और प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता के कारण यह संभव हुआ है।
शाह ने फिक्की को कुछ सुझाव भी दिए ताकि यह औद्योगिक निकाय देश की विकास प्रक्रिया में और गहरायी से जुड़ सके।