ढाका: 26 दिसंबर (ए) ढाका में बांग्लादेश सचिवालय की एक प्रमुख इमारत में बृहस्पतिवार को भीषण आग लग गई, जिससे सरकारी दस्तावेज नष्ट हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों को आशंका है कि सरकारी दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाने की मंशा से ही घटना को अंजाम दिया गया और इस संबंध में एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है।बांग्लादेश सचिवालय की इमारत संख्या सात में आग लगी और करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।अधिकारियों के अनुसार, नौ मंजिला इमारत में सात मंत्रालय मौजूद हैं। उच्च सुरक्षा वाले परिसर में बृहस्पतिवार सुबह आग लगी।
हालांकि, आग की घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। अग्निशमन सेवा के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल जाहेद कमाल ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘कल (बुधवार) आधी रात के बाद इमारत में तीन स्थानों पर एक साथ आग लग गई।’’
उन्होंने संकेत दिया कि आग संभवत: दुर्घटनावश नहीं लगी। अधिकारियों ने बताया कि आग के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे इमारत के अलावा अन्य मंत्रालयों को भी अपना सामान्य कामकाज रोकना पड़ा जबकि सुरक्षा एजेंसियों ने परिसर के अंदर प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया, जिससे कई कर्मचारी परिसर में प्रवेश नहीं कर पाए।
उन्होंने बताया कि इमारत संख्या सात की छठी, सातवीं और आठवीं मंजिल पर स्थित अधिकांश कमरे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि स्थानीय प्रशासन, डाक एवं दूरसंचार मंत्रालयों के दस्तावेज और फर्नीचर जल गए।
एक अधिकारी ने इमारत का दौरा करने के बाद बताया, ‘‘आग बुझाने के लिए इस्तेमाल किए गए पानी से कई दस्तावेजों को भी नुकसान पहुंचा। इमारत के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले कबूतर मरे हुए पाये गए और खिड़कियां टूटी हुईं थीं।’’
अंतरिम सरकार के सलाहकार आसिफ महमूद सजीब भुइयां ने कहा, ‘‘षड्यंत्रकारियों ने अपनी गतिविधियां बंद नहीं की हैं।’’
उन्होंने कहा कि जिन दस्तावेजों को नुकसान पहुंचा है, उनमें अपदस्थ आवामी लीग शासन के दौरान हुए लाखों डॉलर के भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले कागजात और सबूत शामिल हैं।
भुइयां ने कहा, ‘‘अगर कोई भी हमें (भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में) विफल करने में संलिप्त पाया गया तो उसे (दंडात्मक कार्रवाई से) बचने का जरा सा भी मौका नहीं दिया जाएगा।’’
इस बीच, अधिकारियों ने वरिष्ठ नौकरशाहों, अग्निशमन सेवा और पुलिस अधिकारियों वाली सात सदस्यीय समिति का गठन किया।
अतिरिक्त सचिव (जिला और क्षेत्रीय प्रशासन) मोहम्मद खालिद रहीम की अध्यक्षता वाली समिति को सात कार्य दिवसों के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।