भाजपा ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के बयान को ‘अराजकतावादी’ करार दिया

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: सात अगस्त (ए) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के उस बयान को ‘अराजकतावादी’ करार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश जैसे हालात भारत में भी पैदा हो सकते हैं।

भाजपा सांसद संबित पात्रा ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह एक गंभीर मुद्दा है। जब हम पड़ोसी देशों में ऐसे हालत देख रहे है, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस चाहती है कि भारत में भी ऐसी ही स्थिति हो।’’.दरअसल एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मंगलवार रात कांग्रेस नेता खुर्शीद ने कहा था कि ‘‘ऊपरी तौर पर भले ही सब कुछ सामान्य लगे’’, लेकिन बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह भारत में भी हो सकता है। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी खुर्शीद की निंदा करते हुए उनकी टिप्पणी को ‘अराजकतावादी’ करार दिया।

रूडी ने कहा,‘‘ वह सीडब्ल्यूसी के सदस्य भी हैं। यह अराजकतावादी बयान है और मुझे लगता है कि ये एक प्रकार का राजद्रोह है। कांग्रेस अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इस प्रकार के अराजकतावादी बयानबाजी का सहारा ले रही है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

खुर्शीद के बयान पर पात्रा ने पूछा कि क्या यह कांग्रेस की तरफ से चेतावनी है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने भी इसी तरह की टिप्पणी की है कि बांग्लादेश की तरह भारत में भी विरोध प्रदर्शन और आगजनी होगी।

पात्रा ने कहा, ‘‘ सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस की तरफ से ये चेतावनी दी है। पुस्तक विमोचन समारोह में शशि थरूर सहित अन्य नेता भी मौजूद थे और एक तरह से उन्होंने जो कहा उसका समर्थन किया।’’

पात्रा ने प्रश्न किया,‘‘कांग्रेस पार्टी की सोच क्या है? राहुल गांधी कहते थे कि इस देश में आगजनी होगी, दंगे होंगे, प्रधानमंत्री पर हमले होंगे, वह ऐसा क्यों कह रहे थे।’’

उन्होंने विदेश यात्राओं के दौरान गांधी की ‘भारत विरोधी’ टिप्पणियों पर भी सवाल उठाया।

पात्रा ने कहा,‘‘ क्या देश की मुख्य विपक्षी पार्टी भारत में भी यही चाहती है? वे चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं इसलिए वे इस तरह की अराजकता को बढ़ावा देकर अपनी हताशा निकाल रहे हैं और देश को विनाश की ओर धकेल रहे हैं। कांग्रेस की यह साजिश जनता के सामने उजागर हो चुकी है।’’

बांग्लादेश विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ कई हफ्तों से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच, पिछले 15 साल से सत्ता में रहीं शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के कारण अभूतपूर्व राजनीतिक संकट से जूझ रहा है।