महाराष्ट्र सरकार ने मराठा को कुनबी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया पर शिंदे समिति की रिपोर्ट स्वीकार की

राष्ट्रीय
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मुंबई, 31 अक्टूबर (ए) महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठा को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया तय करने के लिए नियुक्त उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षता वाली समिति की पहली रिपोर्ट मंगलवार को स्वीकार कर ली। एक आधिकारिक बयान से यह जानकारी मिली।.

इसमें कहा गया है कि कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुनबी समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण के लिए पात्र है।.मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे के अनिश्चितकालीन अनशन और राज्य के कुछ हिस्सों में इस मांग को लेकर हिंसा की घटनाओं के बीच यह फैसला आया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि ओबीसी आयोग मराठा समुदाय के शैक्षिक और सामाजिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिए नए आंकड़े एकत्र करेगा।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के बयान में कहा गया, ‘‘न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे समिति की पहली रिपोर्ट सौंपी गई है। मराठा को कुनबी प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।’’ मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि मराठा आरक्षण की मांग से संबंधित कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिलीप भोसले, सेवानिवृत्त न्यायाधीश शिंदे और मारुति गायकवाड़ की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। पिछले महीने, मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने को लेकर न्यायमूर्ति शिंदे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया गया था। इसमें समुदाय के ऐसे लोग हैं जिनके पूर्वजों को निजाम-काल के दस्तावेजों में कुनबी के रूप में संदर्भित किया गया था।

वर्तमान महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र 1948 तक हैदराबाद रियासत का हिस्सा था। पिछले सप्ताह समिति को 24 दिसंबर तक का विस्तार दिया गया था। मुख्यमंत्री शिंदे ने सुबह जरांगे से फोन पर बात की और आश्वासन दिया कि मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र देने पर मंत्रिमंडल की बैठक में ठोस निर्णय लिया जाएगा। कार्यकर्ता ने मांग की है कि राज्य भर में मराठा को कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाए।