इंफाल, 21 जुलाई (ए) मणिपुर में तकरीबन एक हजार लोगों की हथियारबंद भीड़ ने कांगपोकपी जिले के एक गांव पर हमला किया और मकानों को लूटा, उनमें आग लगायी, हत्या की तथा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने से पहले उनसे दुष्कर्म किया।.
इन महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरा देश आक्रोशित है और घटना के विरोध में जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं।.
इस मामले में 21 जून को एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी जिसकी एक प्रति ‘मीडिया ’ ने देखी। इसमें आदिवासी महिलाओं के अपहरण और उनसे शर्मनाक बर्ताव से पहले हुए जुल्म की दास्तां का उल्लेख है।
प्राथमिकी में दावा किया गया है कि भीड़ ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी जिसने चार मई को कुछ लोगों को अपनी बहन से दुष्कर्म करने से रोकने की कोशिश की थी। इसके बाद दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और दूसरे लोगों के सामने ही उनका यौन उत्पीड़न किया गया।
सैकुल थाने में दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है, ‘‘एके राइफल्स, एसएलआर, इनसास और .303 राइफल्स जैसे आधुनिक हथियार लेकर करीब 900-1000 लोग सैकुल थाने से करीब 68 किलोमीटर दक्षिण में कांगपोकपी जिले में हमारे गांव में जबरन घुस आए।’’
प्राथमिकी में दावा किया गया है, ‘‘हिंसक भीड़ ने हमारे घरों में तोड़फोड़ की और चल संपत्तियां लूटने के बाद उन्हें आग के हवाले कर दिया।’’
इसमें कहा गया है कि भीड़ अपराह्न करीब तीन बजे गांव में घुसी और नकदी, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, अनाज और मवेशियों को लूटकर ले गयी।
प्राथमिकी में दावा किया गया है कि भीड़ पांच लोगों को भी अपने साथ ले गयी थी जिन्हें पुलिसकर्मियों ने एक नजदीकी जंगल से बचाया था। इस हमले के बाद पांचों ग्रामीण डर के मारे जंगल में भाग गए थे।
पुलिस ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने तथा उनसे छेड़छाड़ करने के संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से एक दिन पहले 19 जुलाई को इस घटना का वीडियो सामने आया था।
इस घटना के संबंध में एक महीने पहले 21 जून को सैकुल थाने में शिकायत दर्ज की गयी थी।
पुलिस ने बताया कि गुस्साए स्थानीय लोगों ने थाउबल जिले के पेची अवांग में चारों में एक आरोपी के घर पर बृहस्पतिवार रात को हमला किया, उसे लूटा और उसे आग के हवाले कर दिया। आरोपी को दो महिलाओं में से एक को घसीटते हुए देखा गया था।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई । राज्य में हुई हिंसक घटनाओं में अभी तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है तथा कई लोग घायल हुए हैं।
राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।