मुंबई: छह अप्रैल (ए) मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई कर रहे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत के न्यायाधीश ए के लाहोटी का नासिक तबादला कर दिया गया है। माना जा रहा है कि न्यायमूर्ति लाहोटी की अदालत मालेगांव विस्फोट मामले में फैसला सुरक्षित रखने वाली थी।
बंबई उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा लाहोटी और अन्य न्यायाधीशों के लिए जारी किया गया स्थानांतरण आदेश, ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद नौ जून को अदालतों के पुनः खुलने पर लागू होगा।आदेश में उल्लेख किया गया है कि स्थानांतरण आदेश के तहत आने वाले न्यायिक अधिकारियों को ‘निर्देश दिया जाता है कि वे उन सभी मामलों में निर्णय लेकर उनका निपटारा कर दें जिनकी सुनवाई पूरी हो चुकी है। साथ ही कार्यभार सौंपने से पहले उन्हें आंशिक रूप से सुने गए सभी मामलों का निपटारा करने का प्रयास करना चाहिए।’
बचाव पक्ष के एक वकील ने बताया कि शनिवार को हुई पिछली सुनवाई में न्यायमूर्ति लाहोटी ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष को 15 अप्रैल तक शेष दलीलें पूरी करने का निर्देश दिया था तथा उम्मीद की जा रही थी कि मामले में अगले दिन निर्णय सुरक्षित रखा जाएगा।
मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
भारतीय जनता पार्टी ((भाजपा) की नेता प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पांच अन्य इस मामले में गैरकानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामने कर रहे हैं।इस मामले की जांच शुरू में महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने की थी, जिसके बाद 2011 में इसे एनआईए को सौंप दिया गया।