नयी दिल्ली, 26 नवंबर (ए) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी की पुस्तक में किए गए दावे से असहमति जताते हुए शुक्रवार को कहा कि मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमले के समय तत्कालीन केंद्र सरकार की ओर से जो कदम उठाए गए थे और जो फैसले किए गए थे, वो ठीक थे।
उन्होंने तिवारी की पुस्तक से जुड़े सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे मालूम है कि जो कदम हमने उठाए थे, वो ठीक थे और वो निर्णय भी ठीक थे।’’
आनंद शर्मा और तिवारी दोनों कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में मंत्री थे।
कांग्रेस सांसद तिवारी ने अपनी नयी पुस्तक ‘10 फ्लैश प्वाइंट्स: 20 ईयर्स’ में लिखा है कि कई बार संयम कमजोरी की निशानी होती है और भारत को 26/11 हमले के बाद कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी। उनकी पुस्तक दो दिसंबर से पाठकों के लिए उपलब्ध होगी।
तिवारी ने पिछले दिनों ट्विटर पर अपनी इस पुस्तक के कुछ अंश साझा किए। पुस्तक में उन्होंने लिखा, ‘‘अगर किसी देश (पाकिस्तान) को निर्दोष लोगों के कत्लेआम का कोई खेद नहीं है, तो संयम ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है। ऐसे मौके आते हैं जब शब्दों से ज्यादा कार्रवाई दिखनी चाहिए। 26/11 एक ऐसा ही मौका था। एक ऐसा समय था जब भारत को प्रतिक्रिया में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी।’’ उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे थे और उन्होंने कई स्थानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 18 सुरक्षा कर्मियों समेत 166 लोगों की मौत हो गयी थी।