नयी दिल्ली, छह फरवरी (ए) सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने एक समय कहा था कि उनकी गायिकी किसी तरह का चमत्कार या कोई असाधारण चीज नहीं है और जो कुछ है वह ईश्वर की इच्छा है क्योंकि कई ने उनसे बेहतर गाया, लेकिन उन लोगों को वह सब कुछ नहीं मिला ‘जो मुझे मिला’।
उनका यह भी मानना था कि किसी को सफलता को सिर पर चढ़ कर नहीं बोलने देना चाहिए।
लता ने कहा था, ‘‘मैं ईश्वर की शुक्रगुजार हूं कि मेरी सफलता ने मुझ पर नुकसानदेह प्रभाव नहीं डाला।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘यदि मुझे कुदरत का तोहफा मिला है तो यह ईश्वर का ही आशीर्वाद है। किसने सोचा था कि मैं इतनी मशहूर हो जाउंगी। ठीक है, मैं गा सकती हूं लेकिन मेरी गायिकी किसी तरह का चमत्कार नहीं है। मेरी गायिकी कोई असाधारण चीज नहीं है। कई लोगों ने मुझसे बेहतर गाया था लेकिन शायद उन्हें वह सब कुछ नहीं मिला जो मुझे मिला। ’’
यह टिप्पणी ‘लता मंगेशकर…इन हर आउन वॉयस’ पुस्तक में की गई है जिसे टीवी कार्यक्रम निर्माता एवं लेखिका नसरीन मुन्नी कबीर ने लिखी है और जिसे 2009 में नियोगी बुक्स ने प्रकाशित किया था।
लता का रविवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थी।