नई दिल्ली, 13 अगस्त (ए)। हुआवेई टेलीकॉम (इंडिया) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ली ज़िओंगवेई ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा, “मैं एक चीनी हूं और मैं आतंकवादी नहीं हूं।” जाहिर तौर पर उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म से यह लाइन उधार ली है। उनकी यह टिप्पणी उनके वकील विजय अग्रवाल द्वारा दायर जमानत याचिका पर आयकर (आईटी) विभाग के विरोध के जवाब में की गई थी। विभाग ने कोर्ट से याचिका खारिज करने की अपील की थी। आपको बता दें कि फिल्म माई नेम इज खान में शाहरुख खान ने कहा था, “माई नेम इज खान एंड एम नॉट अ टेररिस्ट”
आयकर विभाग ने अदालत से कहा कि भारत की चीन के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है। अगर सीईओ चीन के लिए रवाना हो जाता है तो उसे वापस लाना बहुत मुश्किल होगा। विभाग ने अपने हलफनामे में कहा कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
आयकर विभाग द्वारा उनके खिलाफ जारी लुक-आउट नोटिस को रद्द करने की मांग करने वाली एक याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल किया गया है। लुक-आउट सर्कुलर या एलओसी किसी व्यक्ति को विदेश यात्रा करने से रोकता है। आपराधिक मामलों में आरोपी लोगों को देश छोड़ने से रोकने के लिए अधिकारी इसका इस्तेमाल करते हैं। वे आमतौर पर हवाई अड्डे पर ही उनके खिलाफ इस तरह के प्रतिबंधों के बारे में पता लगाते हैं।
विभाग की मांग पर आपत्ति जताते हुए अग्रवाल ने कहा कि यह परेशान करने वाला है कि विभाग जमानती अपराध में जमानत का विरोध कर रहा है। यह दावा करते हुए कि ली के खिलाफ जारी एलओसी शक्ति का दुरुपयोग है, अग्रवाल ने कहा कि इस तरह का प्रतिबंध केवल संज्ञेय अपराध के लिए जारी किया जा सकता है। उन्होंने तर्क दिया कि ली को शामिल करने वाला अपराध एक गैर-संज्ञेय अपराध है।
अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अगर ली को चीन की यात्रा करने की अनुमति दी जाती है तो यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों की जांच करनी होगी। कोर्ट ने पूछा, “क्या होगा अगर कल वह चीन के लिए उड़ जाए और कभी वापस न आए?