Site icon Asian News Service

मोदी ने यदि संविधान पढ़ा होता तो अलग नीतियां अपनाई होतीं: राहुल गांधी

**EDS: TWITTER IMAGE VIA @rssurjewala** Humnabad: Congress leader Rahul Gandhi addresses a public meeting ahead of Karnataka assembly elections, at Humnabad in Bidar district, Monday, April 17, 2023. (PTI Photo)(PTI04_17_2023_000143B)

Spread the love

नांदेड़ (महाराष्ट्र): 14 नवंबर (ए) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत का संविधान पढ़ा होता तो वह अलग नीतियां अपनाते।

गांधी ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और नांदेड़ लोकसभा सीट के उपचुनाव से पहले यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संविधान हमें अमीर और गरीब के बीच भेदभाव करना नहीं सिखाता है।’’उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी ने 25 अमीर लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया लेकिन गरीबों और किसानों का कर्ज नहीं माफ किया।’’ उन्होंने कहा , ‘‘संविधान आपको यह नहीं सिखाता।’’

गांधी ने मणिपुर में जारी संघर्ष का भी जिक्र किया और कहा, ‘‘देश के इतिहास में हमने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी है, जहां एक राज्य एक साल से अधिक समय से जल रहा हो लेकिन प्रधानमंत्री ने वहां का दौरा तक नहीं किया हो।’’

संविधान की ‘लाल कवर’ वाली प्रति दिखाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी कहते हैं कि यह किताब खाली है। क्या यह खाली है? उन्होंने भारत के संविधान को नहीं समझा है। यह देश की आवाज है और इसमें भारत का इतिहास और आत्मा समाहित है। आपने (मोदी) इसे अपने जीवन में नहीं पढ़ा है, नहीं तो आप वह नहीं करते जो आप कर रहे हैं।’’

गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान को खत्म करने के लिए ‘गुप्त तरीके से’ काम कर रही है लेकिन वह ऐसा खुलकर नहीं कहेगी क्योंकि तब पूरा देश उसके खिलाफ उठ खड़ा होगा।

उन्होंने कहा कि संविधान गरीब लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है और कांग्रेस इसकी रक्षा के लिए लड़ रही है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि देश एक तरफ ‘‘घृणा, क्रोध और अहंकार’’ और दूसरी तरफ ‘‘प्रेम और भाईचारे’’ के बीच लड़ाई देख रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि जहां लोग महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, वहीं देश में हवाई अड्डे, बंदरगाह और सड़कें दो बड़े उद्योगपतियों को दी जा रही हैं।

जाति आधारित गणना की अपनी मांग के बारे में उन्होंने कहा कि देश की आबादी में दलितों की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है, आदिवासियों की आठ प्रतिशत और अल्पसंख्यकों की 15 प्रतिशत है जबकि पिछड़े वर्गों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है।

गांधी ने कहा, ‘‘लेकिन केंद्र सरकार चलाने वाले 90 नौकरशाहों में एक आदिवासी, तीन दलित, तीन पिछड़े वर्ग के अधिकारी शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि जब 100 रुपए देने की बात आती है तो दलितों की भागीदारी एक रुपए की होती है, आदिवासियों की 10 पैसे की होती है, पिछड़ों की भागीदारी पांच रुपए की होती है।’’

उन्होंने यह भी पूछा कि वेदांता फॉक्सकॉन, टाटा एयरबस, बल्क ड्रग्स पार्क और पेट्रोलियम परियोजनाओं को ‘गुजरात में क्यों स्थानांतरित किया गया’। उन्होंने साथ ही धारावी पुनर्विकास परियोजना को अदाणी समूह की इकाई को दिए जाने को लेकर भी निशाना साधा।

Exit mobile version