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मौजूदा संविधान के तहत ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ संभव नहीं : चिदंबरम

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चंडीगढ़: 16 सितंबर (ए) कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के मुद्दे पर केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मौजूदा संविधान के तहत यह संभव नहीं है तथा इसके लिए कम से कम पांच संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता है।

भाजपा नीत राजग सरकार द्वारा अपने मौजूदा कार्यकाल में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ को लागू किए जाने की खबरों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इन संवैधानिक संशोधनों को करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास न तो लोकसभा और न ही राज्यसभा में पर्याप्त संख्या है.

पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ का जोरदार समर्थन करते हुए दलील दी थी कि लगातार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं।

चिदंबरम ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मौजूदा संविधान के तहत ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ संभव नहीं है। इसके लिए कम से कम पांच संवैधानिक संशोधनों की जरूरत है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इन संवैधानिक संशोधनों को पेश करने के लिए श्री मोदी के पास न तो लोकसभा और न ही राज्यसभा में पर्याप्त संख्या है।’’

उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के मार्ग में व्यापक संवैधानिक बाधाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह संभव नहीं है। ‘इंडिया’ गठबंधन पूरी तरह से ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ का विरोध करता है।’’

इस सवाल पर कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में आरोप लगाया कि कांग्रेस आरक्षण को खत्म करना चाहती है, चिदंबरम ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हमें आरक्षण क्यों खत्म करना चाहिए?’’

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम वो लोग हैं जो कहते रहे हैं कि आबादी के अनुसार 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को निश्चित रूप से हटाया जाना चाहिए। हम वो हैं जो जाति जनगणना की बात करते हैं। हम कहते हैं कि आरक्षण निश्चित रूप से आबादी के अनुसार होना चाहिए। प्रधानमंत्री जो कहते हैं उनकी हर बात पर विश्वास नहीं करें।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने 15 सितंबर को कुरुक्षेत्र में एक रैली में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि ‘‘शाही परिवार’’ की मंशा दलितों के आरक्षण खत्म करने की है। उन्होंने कहा कि जब तक वह यहां (केंद्र की सत्ता में) हैं, वह बी. आर. आंबेडकर द्वारा दिए गए आरक्षण के एक अंश को भी लूटने या हटाने की इजाजत नहीं देंगे।

चिदंबरम से सोमवार को बातचीत के दौरान मीडियाकर्मियों ने पूछा कि क्या कांग्रेस पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करेगी, इस पर उन्होंने कहा कि आम तौर पर कांग्रेस चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पद के अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर यही होता है कि चुनाव संपन्न होने के बाद विधायक इकट्ठा होते हैं और उनसे उनकी प्राथमिकताएं पूछी जाती हैं। तब आलाकमान घोषणा करता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा। मुझे लगता है कि हरियाणा में भी यही दोहराया जाएगा।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बेरोजगारी, कृषि और राज्य के कर्ज समेत राज्य में कई मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर बरसे।

उन्होंने विधानसभा चुनाव में लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की और वादा किया कि उनकी पार्टी हरियाणा की विकास दर को पटरी पर लेकर आएगी और विकास, कृषि एवं उद्योग को बढ़ावा देगी तथा बेरोजगारी एवं मुद्रास्फीति के मुद्दों से निपटेगी।

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