लखनऊ, 30 अक्टूबर एएनएस। यूपी में विधानसभा उपचुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों कोई सबसे धनवान है तो किसी के उपर सबसे ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज है। यह खुलासा इलेक्शन वॉच व एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने प्रत्याशियों का ब्यौरा जारी कर दिया है। सबसे अमीर प्रत्याशी देवरिया सीट से सपा प्रत्याशी ब्रह्माशंकर त्रिपाठी के पास 31 करोड़ रुपये हैं। मल्हनी के निर्दलीय उम्मीदवार धनंजय सिंह सबसे ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
सात सीटों पर होने वाले उपचुनावों में कुल 88 उम्मीदवार हैं। इनमें से 18 पर आपराधिक मामले हैं। 17 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बसपा के सात में से 5, सपा के 6 में से 5 और कांग्रेस के 6 में से एक प्रत्याशी दागी है। भाजपा ने अपराधी प्रवृत्ति के प्रत्याशियों को टिकट नहीं दिया है। दो निर्वाचन क्षेत्र इस नजरिए से दागी हैं जहां तीन या इससे ज्यादा प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इलेक्शन वॉच के समन्वयक संजय सिंह ने एडीआर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 में निर्देश दिया था कि राजनीतिक दलों को आपराधिक छवि वाले प्रत्याशी चुनने और साफ छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट न देने के पीछे कारण बताना था। लेकिन दलों ने आधारहीन कारण बताएं हैं। मसलन एक दल ने कहा है कि आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार की लोकप्रियता है, सामाजिक कार्यों में बेहतर हैं। राजनीतिक से प्रेरित मामले हैं। एडीआर का कहना है कि इससे साफ होता है कि दलों को चुनाव प्रणाली सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
इन उम्मीदवारों में 34 करोड़पति हैं। उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 2.91 करोड़ रुपये है। सपा के प्रत्याशियों की औसत सम्पत्ति 13.69 करोड़, बसपा के प्रत्याशियों की औसत आय 2.89 करोड़ रुपये है। भाजपा के प्रत्याशियों के 2.45 करोड़ रुपये की औसत आय है। कांग्रेस के प्रत्याशियों की संपत्ति 2.31 करोड़ रुपये है।