भाजपा सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए नौ जिले व तीन संभाग खत्म किए

राष्ट्रीय
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जयपुर: 28 दिसंबर (ए)। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने पिछली अशोक गहलोत सरकार द्वारा गठित नौ जिलों को खत्म करने का फैसला किया है। इसके साथ ही तीन नए बने संभागों को भी खत्म कर दिया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने शनिवार को यह जानकारी दी।

कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।राज्य मंत्रिमंडल ने इसके साथ ही राजस्थान में सीईटी स्कोर की वैधता एक साल से बढ़ाकर तीन साल करने का फैसला किया है।मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पटेल ने कहा कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति और विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया गया है।

उन्होंने कहा कि समिति द्वारा प्रस्तुत की गयीं सिफारिशों पर विचार करते हुए नवगठित जिलों में से नौ जिलों अनूपगढ़, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीम का थाना, सांचौर व शाहपुरा तथा नवसृजित संभाग बांसवाड़ा, पाली, सीकर को नहीं रखने का निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा किया गया है।

इसी तरह विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले घोषित तीन नए जिलों मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामन सिटी को भी निरस्त करने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल ने किया है।

पटेल ने बताया कि सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए बालोतरा, डीग, ब्यावर, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर को ज‍िला बनाए रखने का फैसला किया है।

उल्लेखनीय है कि गत अशोक गहलोत सरकार ने 17 नए जिले व तीन नए संभाग बनाने की अधिसूचना जारी की थी। इसके साथ ही तीन नए जिलों की घोषणा की थी लेकिन उसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई थी।

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल के इस निर्णय के बाद अब राजस्थान में कुल सात संभाग एवं 41 जिले हो जाएंगे।

उन्‍होंने कहा, ”समिति ने पाया कि ये नवगठित जिले व्यावहारिक नहीं हैं, ये जिले जनहितार्थ पर नहीं है। ये जिले राजस्थान सरकार पर अनावश्यक बोझ डाल रहे हैं और इनकी उपयोगिता बिलकुल नहीं है।’’

पटेल ने कहा ये प्रशासनिक तंत्र को विधिवत करने एवं उसे प्रभावी बनाने तथा राजस्थान को समृद्ध और विकसित बनाने के लिए सभी पहलुओं पर विचार करने के उपरांत सरकार ने यह निर्णय किया है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार के इस फैसले को जनमानस के खिलाफ बताया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस अलोकतांत्रिक, विवेकहीन फैसले के खिलाफ जन-आंदोलन चलाएगी और आवश्यकता हुई तो न्यायालय की शरण भी ली जाएगी।

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने संवाददाताओं को बताया कि राजस्थान अधीनस्थ एवं लिपिक वर्गीय सेवा (समान पात्रता परीक्षा) नियम, 2022 में सीईटी स्कोर की वैधता अब एक वर्ष के बजाय तीन वर्ष के लिए रहेगी। इसके लिए नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है।

पटेल ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा को रद्द करने पर कोई चर्चा नहीं हुई।