मुजफ्फरनगर/बदायूं (उप्र): 21 जुलाई (ए) राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालय के मालिकों के नाम उनकी दुकानों पर प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश की आलोचना करते हुए इसे वापस लेने की रविवार को मांग की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल रालोद के राज्यसभा सदस्य चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि यह आदेश बिना सोचे-समझे लिया गया है और सरकार इस पर इसलिए अड़ी हुई है क्योंकि निर्णय हो चुका है। कभी-कभी सरकार में ऐसी चीजें हो जाती हैं.यह पूछे जाने पर कि क्या निर्णय वापस लिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘‘अभी भी समय है कि इसे (वापस) लिया जाए या सरकार को इसे (लागू करने) पर ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए।’’उन्होंने कहा, ‘‘कांवड़ की सेवा सभी करते हैं। कांवड़ की पहचान कोई नहीं करता और न ही कांवड़ सेवा करने वालों की पहचान धर्म या जाति से की जाती है।’’
सरकार के फैसले का विरोध करते हुए चौधरी ने कहा कि उप्र सरकार ने यह फैसला बहुत सोच समझकर नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले को धर्म और जाति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी लोग कांवड़ यात्रियों की सेवा करते हैं।
इससे पहले, जयंत चौधरी ने जिले के यूसुफपुर गांव में शहीद लोकेश सहरावत की प्रतिमा का अनावरण किया।