राहुल गांधी ने नीट मुद्दे पर ‘मौन’ धारण करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा

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नयी दिल्ली: 18 जून (ए) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) मुद्दे पर ‘मौन’ धारण करने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और दोहराया कि उनकी पार्टी युवाओं की आवाज सड़क से संसद तक मजबूती से उठा कर प्रश्नपत्र लीक के खिलाफ कठोर नीतियों का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से संगठित भ्रष्टाचार हुआ है और ये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य प्रश्नपत्र लीक का केंद्र बन चुके हैं।राहुल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”नीट परीक्षा में 24 लाख से अधिक विद्यार्थियों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ पर भी नरेन्द्र मोदी हमेशा की तरह मौन धारण किए हुए हैं।”

उन्होंने दावा किया, ”बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से संगठित भ्रष्टाचार हुआ है और ये भाजपा शासित राज्य प्रश्नपत्र लीक का केंद्र बन चुके हैं।”

राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने न्यायपत्र में प्रश्न पत्र लीक के विरुद्ध सख्त कानून बना कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने की गारंटी दी थी।

उन्होंने कहा, ”विपक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए हम देश भर के युवाओं की आवाज सड़क से संसद तक मज़बूती से उठा कर और सरकार पर दबाव डाल कर ऐसी कठोर नीतियों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के आयोजन में किसी की तरफ से ‘0.001 प्रतिशत लापरवाही’ भी हुई हो, तब भी उससे पूरी तरह से निपटा जाना चाहिए, जिसके बाद राहुल गांधी की यह टिप्पणी आई है।

न्यायालय ने कहा कि छात्रों को इन परीक्षाओं की तैयारी करते समय कठोर परिश्रम करना पड़ता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि नीट-यूजी, 2024 से संबंधित मुकदमे को विरोधात्मक नहीं माना जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं से कहा, ‘‘अगर किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए।’’

पीठ गत पांच मई को हुई परीक्षा में छात्रों को कृपांक दिए जाने समेत अन्य शिकायतों से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।