नयी दिल्ली, पांच जून (ए) उच्चतम न्यायालय दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमत हो गया, जिसमें उसने उसके द्वारा ‘बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो’ को जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाए जाने और उसे अंतिम नीति अधिसूचित होने तक चलने देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।.
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि वह याचिका पर सात जून को सुनवाई करेगी।.दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने कहा कि अंतिम नीति अधिसूचित होने तक उसके नोटिस पर रोक लगाने का उच्च न्यायालय का फैसला वस्तुतः रैपिडो की रिट याचिका को स्वीकार करने जैसा है।
पीठ ने कहा कि वह मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगी।
गत 26 मई को उच्च न्यायालय ने रैपिडो की याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि अंतिम नीति तक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
याचिका में रैपिडो ने उस कानून को चुनौती दी है, जिसमें दोपहिया वाहनों को परिवहन वाहन के रूप में पंजीकृत करने से बाहर रखा गया है।
रैपिडो का परिचालन करने वाली वाली रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली सरकार का आदेश बिना किसी औचित्य के पारित किया गया, जिसमें गैर-परिवहन दोपहिया वाहनों को यात्रियों को लाने-ले जाने से तुरंत रोकने की बात कही गई है।
इस साल की शुरुआत में जारी एक सार्वजनिक नोटिस में, सरकार ने बाइक-टैक्सियों को दिल्ली में परिचालन बंद करने को कहा था और चेतावनी दी थी कि उल्लंघन करने वालों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
रैपिडो ने दिल्ली सरकार द्वारा उसे जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को भी चुनौती दी है।