गाजीपुर,25 सितम्बर(एएनएस)।’बच्चन सिंह स्मृति न्यास वाराणसी द्वारा समकालीन सोच पत्रिका के संस्थापक एवं प्रख्यात समालोचक डा.पी.एन. सिंह को ससमारोह प्रथम “बच्चन सिंह स्मृति सम्मान” से सम्मानित किया गया।
न्यास के संयोजक डा. सुरेंद्र प्रताप सिंह तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सदानंद शाही ने डा. पी.एन.सिंह के शहर स्थित आवास पर पहुंचकर उन्हें सम्मान-पत्र, अंगवस्त्रम तथा ₹ 25000 का चेक प्रदान किया। प्रोफेसर सदानंद शाही ने सम्मान-पत्र पढ़ा और डॉ.पी.एन.सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चन सिंह और डा.पी.एन.सिंह की बहुआयामी प्रतिभा और लेखन में साम्य देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि पी.एन.सिंह का सम्मान गाजीपुर का सम्मान है। यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आजकल बुद्धिजीवियों का संवाद जनता से टूट गया है। ऐसे समय में भी डा. पी.एन.सिंह को पूरा हिन्दी देश ध्यान से सुनता है क्योंकि उनकी कृतियां जमीन से संवाद स्थापित करती हैं।
न्यास के संयोजक प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रतिबद्ध मार्क्सवादी होने के बाद भी डॉ.पी.एन.सिंह ने गांधी,अंबेडकर और लोहिया पर भी लिखा है। हिन्दी आलोचना में स्पष्टता का जो अभाव था उसको डॉ सिंह ने बहुत ही दृढ़ता के साथ दूर किया है। हिन्दी आलोचना को नई दृष्टि देने के लिए बच्चन सिंह न्यास उन्हें सम्मानित करते हुए हर्ष का अनुभव कर रहा है। 1.
समकालीन सोच परिवार के अध्यक्ष रामावतार ने डा. पी.एन.सिंह के लेखक बनने के पीछे के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि-एक एक सहकर्मी अध्यापक मित्र के लगने वाली कटु व्यंग्य ने उन्हें लेखक बनने के लिए विवश कर दिया। डॉ.पी.एन. सिंह एक प्रखर समालोचक और समाजवादी चिंतक हैं। इन्होंने आलोचना को एक नई दृष्टि दी है। डॉक्टर ऋचा राय ने नवोदित प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में डा. पीएन सिंह के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा
करते हुए कहा कि डा.पी.एन. सिंह ने एक आचार्य और एक अभिभावक के रूप में नई पीढ़ी को तराशने का काम किया है।
उल्लेखनीय है कि डा. पी.एन.सिंह व्यावहारिक दृष्टि से अत्यंत ही मृदुल और उदार हृदय के व्यक्ति हैं किन्तु जब समीक्षा करने बैठते हैं तो इनके सामने व्यक्ति नहीं होता है, कृति होती है। वे उस कृति के साथ समीक्षा करने में पूरी तरह न्याय बरतते हैं। कोई पक्षपात नहीं करते। इस बात को लेकर बहुत से लोग उनसे नाराज भी होते हैं किन्तु डा. पी.एन. सिंह ने कभी उसकी परवाह नहीं की।
समारोह में मुख्य रूप से प्रतिभाग करने वाले साहित्यकारों एवं बुद्धिजीवियों में डॉक्टर गजाधर शर्मा गंगेश डॉ.श्रीकांत पाण्डेय, डॉ.बालेश्वर सिंह, संजय यादव, अमृता सिंह, राम नगीना कुशवाहा, डॉक्टर बद्री सिंह, विश्वविमोहन शर्मा,माधवकृष्ण, रामविलास यादव, डा.बालेश्वर विक्रम, रश्मि शाक्य, डॉ. प्रियंका सिंह, इरफान, शिकुमार कुशवाहा, राम निवास, अतुल यादव, गोविन्द तिवारी आदि प्रमुख रहे।
समकालीन सोच परिवार के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं पी.जी.कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह ने समारोह में आए हुए जनपद के जाने-माने साहित्यसेवियों, बुद्धिजीवियों एवं विचारकों के साथ-साथ बच्चन सिंह स्मारक न्यास समिति के प्रति हार्दिक आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।