नयी दिल्ली: सात अप्रैल (ए) उच्चतम न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करने को लेकर विचार करने पर सोमवार को सहमति व्यक्त की।
भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इन दलीलों पर गौर किया कि याचिकाओं को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की जरूरत है।