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वरुण गांधी का अपनी ही सरकार पर निशाना, तय करें- रैलियां जरूरी हैं या कोरोना को रोकना

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नई दिल्ली , 27 दिसंबर (ए)। भाजपा सांसद वरुण गांधी के पार्टी के खिलाफ ही बयानबाजी का सिलसिला लगातार जारी है। अब उन्होंने राज्य में ओमिक्रॉन से निपटने के लिए लागू नाइट कर्फ्यू को लेकर भी सवाल उठाया है। वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि एक तरफ रात में कर्फ्यू लग रहे हैं और दिन में रैलियों में लाखों लोगों की भीड़ जुट रही है। यह घटनाक्रम सामान्य जनमानस की समझ से परे है। वरुण गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना- यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है।’ इसी ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमीक्रोन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन।’ 
उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं को सामने से नेतृत्व करना चाहिए ताकि आम जनता को घरों में रहने के लिए प्रेरित किया जा सके। गांधी ने उल्लेख किया कि अधिकतम संक्रमण आमतौर पर दिन के दौरान होता है, क्योंकि रात में सड़कों पर कम लोग होते हैं। उन्होंने सामाजिक समारोहों में सख्ती से कटौती करने का आह्वान किया, जो कोविड के फैलने का कारण बन सकते हैं। उन्होंने मार्च 2021 में महाराष्ट्र सरकार को केंद्र की ओर से भेजे गए नोट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि रात्रि कर्फ्यू, सप्ताहांत लॉकडाउन जैसे उपायों का संक्रमण का प्रसार रोकने या कम करने पर बहुत सीमित प्रभाव पड़ता।

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