नयी दिल्ली, 27 मई (ए) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 2014 से पहले के शासन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर ‘‘उदासीनता’’ का माहौल था और इसका सबसे ज्यादा असर गरीबों और मध्यम वर्ग पर पड़ा।
प्रधानमंत्री ने यहां देश के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव के उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में ड्रोन प्रौद्योगिकी को लेकर जिस तरह का जोश देखा जा रहा है वह अद्भुत है और इस उभरते क्षेत्र में रोजगार पैदा होने की संभावनाओं का संकेत देता है।
उन्होंने कहा कि आठ वर्ष पहले ‘‘ हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करना शुरू किया और न्यूनतम सरकार तथा अधिकतम शासन के सिद्धांत पर चलते हुए जीवन की सुगमता और कारोबार की सुगमता को प्राथमिकता दी गयी। ’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों के कार्यकाल में प्रौद्योगिकी को समस्या का हिस्सा समझा जाता था और इन पर ‘‘गरीब विरोधी’’ होने का ठप्पा लगाने के प्रयास किए जाते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ इसके कारण 2014 से पहले के शासन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर ‘‘उदासीनता’’ का माहौल था और इसका सबसे ज्यादा असर गरीबों, वंचितों और मध्यम वर्ग पर पड़ा।’’
प्रधानमंत्री के अनुसार प्रौद्योगिकी ने अंतिम छोर तक आपूर्ति सुनिश्चित करने में बहुत मदद की है। उन्होंने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना इस बात का उदाहरण है कि कैसे ड्रोन प्रौद्योगिकी बड़ी क्रांति का आधार बन रही है और इसके जरिए पहली बार गांवों में सभी संपत्तियों की माप डिजिटल तरीके से की जा रही है और लोगों को संपत्ति कार्ड दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि ,खेल ,रक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ेगा।
राष्ट्रीय राजधानी में दो दिवसीय ‘भारत ड्रोन महोत्सव 2022’ आयोजित किया जा रहा है। आज महोत्सव का पहला दिन है । इसमें प्रधानमंत्री मोदी के अलावा नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह भी मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि विचार से बढ़कर कोई चीज नहीं है, जिसका वक्त आ गया है और ड्रोन ऐसा ही एक विचार है।
उन्होंने कहा कि कभी भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसरण करने वाला देश हुआ करता था लेकिन आज यह प्रणेता बन गया है। सिंधिया ने साथ ही कहा कि प्रौद्योगिकी तभी सफल होगी जब इसका इस्तेमाल वंचितों और गरीबों के लिए होगा।
इस महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बलों, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों सहित, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप से जुड़े 1,600 से अधिक लोग भाग ले रहे हैं।