वाराणसी (उप्र): सात दिसंबर (ए) वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में स्थित मस्जिद से जुड़े विवाद मामले में पुलिस ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और भ्रामक बयानबाजी करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
एसीपी (कैंट) विदुष सक्सेना ने बताया कि कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार सिंह से मिली शिकायत के आधार पर दो नामजद और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ शिवपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था।उन्होंने बताया पुलिस ने इस मामले के तहत कार्रवाई करते हुए सामाजिक सौहार्द बिगड़ने और भ्रामक ब्यानबाजी करने के आरोप में लोहता के निवासी मुख्तार अहमद समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।इससे पहले शुक्रवार को कॉलेज परिसर में स्थित मजार को हटाने के लिए करीब 500 छात्रों ने भगवा झंडा लेकर गेट पर जय श्री राम के नारे लगाए थे।
प्रदर्शनकारी छात्र कॉलेज के अंदर जाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इस दौरान गेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया था।
मजार को लेकर बढ़ते तनाव के बीच पुलिस ने बृहस्पतिवार को कॉलेज परिसर में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी और केवल वैध पहचान पत्र वाले विद्यार्थियों को अंदर जाने की अनुमति दी थी।
इससे पूर्व, मंगलवार को मजार के पास नमाज पढ़े जाने के दौरान विद्यार्थियों ने हनुमान चालीसा पढ़ा था।
इससे जुड़ी एक घटना में कॉलेज के विद्यार्थियों ने एक “विद्यार्थी अदालत” का गठन किया और 11 बिंदुओं का एक पत्र उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड को भेजकर इस मजार की स्थिति और इसके स्वामित्व के संबंध में 15 दिन में जवाब देने के लिए कहा।
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा कि उन्होंने इस मजार की स्थिति पता लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पत्र लिखा है।
इससे पूर्व उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने दावा किया था कि मजार और इसके पास की जमीन वक्फ संपत्ति है। इस दावे को कॉलेज प्रशासन ने खारिज किया था।