विपक्षी गठबंधन का लक्ष्य महिला आरक्षण कानून को यथाशीघ्र क्रियान्वित करना है : सोनिया गांधी

राष्ट्रीय
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चेन्नई, 14 अक्टूबर (ए) कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ संसद में हाल ही में पारित महिला आरक्षण कानून को लागू करने के लिए संघर्ष करेगा।.

गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पिछले नौ वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से महिलाओं को केवल पितृसत्तात्मक ढांचे में उनकी प्रतिबंधित, पारंपरिक भूमिका में ही गिनती और सराहना की जाने वाली प्रतीकों में बदलने का निरंतर प्रयास देखा गया है।’’.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के ‘महिला अधिकार सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि दिवंगत राजीव गांधी स्थानीय स्वशासन अर्थात् पंचायती राज में महिलाओं के लिए ऐतिहासिक 33 प्रतिशत आरक्षण लाये, जिसने जमीनी स्तर पर महिला नेतृत्व की एक पूरी तरह से नयी परिघटना को बढ़ावा दिया।

उन्होंने कहा कि यह विधायी निकायों में एक तिहाई सीट पर आरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद के भीतर और बाहर (महिला आरक्षण का) पथप्रदर्शक रही है।

गांधी ने कहा, ‘‘अब महिला आरक्षण विधेयक अंतत: ‘सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि हम सभी की अथक दृढ़ता और प्रयासों’ के कारण पारित हो गया है। लेकिन हम सभी जानते हैं कि इस दिशा में अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है।’

उन्होंने विधेयक के वास्तविक कार्यान्वयन पर विपक्षी सांसदों द्वारा संसद में किए गए हस्तक्षेप को रेखांकित किया कि क्या इस पर अमल एक साल, दो साल या तीन साल में होगा?

उन्होंने कहा, ‘हमें कोई अंदाज़ा नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हालांकि कुछ पुरुष खुश हैं, हम खुश नहीं हैं, हम महिलाएं खुश नहीं हैं।’

उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ महिला आरक्षण अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए संघर्ष करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके (आरक्षण के) लिए तब तक लड़ते रहेंगे जब तक हमें वह हासिल नहीं हो जाता, चाहे आप पुरुषों को यह पसंद हो या नहीं।’’

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के दूसरे कार्यकाल में पेश किया गया महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया था, लेकिन आम सहमति की कमी के कारण इसे लोकसभा में लाया नहीं जा सका था।

उन्होंने कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्रियों सीएन अन्नादुरई और एम करुणानिधि के नेतृत्व में तमिलनाडु सरकार ने महिलाओं की स्थिति और उनके लिए अवसरों में अविश्वसनीय बदलाव की नींव रखी।

उन्होने कहा, ‘आज तमिलनाडु महिला समानता और महिला विकास के प्रतीक के रूप में खड़ा है।’

दशकों पहले, 1973 में पांच बार मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि पुलिस विभाग में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान लेकर आये थे। आज, तमिलनाडु में पुलिस बल में एक चौथाई महिलाएं हैं। करुणानिधि की एक और महत्वपूर्ण पहल सरकारी पदों पर महिलाओं के लिए आरक्षण थी।

गांधी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, सरकारी सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी 30 प्रतिशत से अधिक है और हाल ही में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है।

उन्होंने विद्यार्थियों के लिए मध्याह्न भोजन, महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने जैसी विभिन्न योजनाओं के लिए राज्य सरकार की पहल की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के समान विचारधारा वाले दल महिलाओं की समानता को वास्तविकता में बदलने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं और उठाएंगे भी। मुझे पूरी उम्मीद है कि हम (‘इंडिया’ गठबंधन) यह सुनिश्चित करेंगे कि विधेयक को यथाशीघ्र लागू किया जाए। हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा संभव हो सके।’’

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह गठबंधन का लक्ष्य है और जब गठबंधन के घटक एक साथ लड़ेंगे, तो वे विजयी (जरूर) होंगे।

गांधी ने कहा, ‘‘यह हमारा लक्ष्य है, यह ‘इंडिया’ गठबंधन का लक्ष्य होगा और इसके लिए हम महिलाओं को लड़ना होगा, अगर हम सब एक साथ लड़ेंगे, तो हम विजयी होंगे।’

उन्होंने तमिल में कहा, ‘‘जीत हमारी है। धन्यवाद।’’