बीना (मध्य प्रदेश), 14 सितंबर (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस ‘इंडिया’ को ‘घमंडिया’ गठबंधन करार देते बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि इसके नेताओं ने सनातन संस्कारों और परंपराओं को समाप्त करने की ठान रखी है और ये देश को एक हजार साल की गुलामी में धकेलना चाहते हैं।.
यहां एक कार्यक्रम के दौरान 50,800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विपक्षी गठबंधन पर देश और समाज को विभाजित करने का आरोप भी लगाया।.उन्होंने कहा, ‘‘यहां कुछ ऐसे दल भी हैं, जो देश और समाज को विभाजित करने में जुटे हैं। इन्होंने मिलकर एक आईएनडीआई अलायंस बनाया है, जिसे कुछ लोग ‘घमंडिया’ गठबंधन भी कहते हैं।’’
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इनका नेता तय नहीं है और नेतृत्व पर भ्रम है लेकिन इन्होंने मुंबई में बैठक कर ‘घमंडिया गठबंधन’ की नीति और रणनीति तय कर ली है और साथ ही एक छुपा हुआ एजेंडा भी तय कर लिया है।
परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 की सफलता से आज देशवासी गौरवान्वित हैं।
उन्होंने कहा कि जी20 की सफलता का श्रेय मोदी को नहीं, ये आप सबको जाता है और ये भारत की सामूहिक शक्ति का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर से आए विदेशी मेहमान कह रहे थे कि ऐसा आयोजन उन्होंने पहले कभी नहीं देखा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विरासत और समृद्धि को देखकर वे बहुत ही प्रभावित थे और मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर तथा खजुराहो में भी जी20 की बैठक हुई थी, उन बैठकों में शामिल होकर जो गए हैं, वो आप सभी का गुणगान कर रहे हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन इस घमंडिया गठबंधन की नीति और रणनीति भारत की संस्कृति पर हमला करने की है। इस आईएनडीआई अलायंस का निर्णय है कि भारतीयों की आस्था पर हमला करो। इस घमंडिया गठबंधन की नीयत है कि भारत को जिन विचारों और संस्कारों ने हजारों वर्ष से जोड़ा है, उन्हें तबाह कर दो।’’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘‘ये घमंडिया गठबंधन वाले सनातन संस्कारों और परंपरा को समाप्त करने का संकल्प लेकर आए हैं। जिस सनातन को महात्मा गांधी ने जीवन पर्यंत माना, जिस सनातन ने उन्हें अस्पृश्यता के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया। ये घमंडिया गठबंधन के लोग उस सनातन परंपरा को समाप्त करना चाहते हैं।’’
ज्ञात हो कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए।
सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू वायरस तथा मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध ही नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें नष्ट किया जाना चाहिए।
द्रमुक के एक अन्य नेता ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से की थी।
द्रमुक नेताओं के सनातन विरोधी बयानों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्षी गठबंधन पर हमलावर है।