अलीगढ़ (उप्र): 11 अप्रैल (ए) समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी जानबूझकर विभाजनकारी मुद्दों को उठाकर जनता का ध्यान बढ़ती बेरोजगारी, आर्थिक संकट और उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था जैसे वास्तविक मुद्दों से भटका रही है।
अलीगढ़ में रामघाट रोड पर एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए सपा प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, “जब भी भाजपा को वास्तविक मुद्दों पर बढ़ते जन आक्रोश का सामना करना पड़ता है तो वह ध्यान भटकाने के लिए अनावश्यक विवाद पैदा करती है। भाजपा सरकार के पास केवल नफरत की राजनीति और विभाजनकारी एजेंडे हैं।”यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने लगातार “झूठे आंकड़े” देकर उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था की भ्रामक तस्वीर पेश की है, लेकिन जमीनी हकीकत अब सभी के सामने है।उन्होंने कहा, “जब भी विपक्षी नेता आवाज उठाते हैं, तो उन्हें फर्जी और मनगढ़ंत मामलों के जरिए चुप करा दिया जाता है। आज मुद्दों का फैसला योग्यता के आधार पर नहीं, बल्कि संकीर्ण राजनीतिक विचारों के आधार पर किया जा रहा है। भारत का संविधान गंभीर खतरे में है।”
केंद्र की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हाल की आर्थिक मंदी ने उजागर कर दिया है कि कैसे सरकार किसानों और आम आदमी की कीमत पर कुछ पूंजीपतियों के कहने पर चल रही है।’’
यादव ने कहा, “सरकार किसानों के लिए उचित बिक्री मूल्य सुनिश्चित करने में विफल रही है।”
राणा सांगा पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन की टिप्पणी से जुड़े हालिया विवाद के बारे में पूछे गए सवालों पर यादव ने तनाव कम करने की कोशिश करते हुए कहा, “एक बार जब कोई मामला संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया जाता है, तो उसे छोड़ देना चाहिए।”
उन्होंने दावा किया कि विवादास्पद मुद्दों को हल करने के बजाय, राज्य सरकार “समस्या पैदा करने और विरोधियों को डराने के लिए जर्मनी के नाजियों की तरह निजी सेनाओं की मदद ले रही है।”
यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह पुलिस का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है, ताकि “मीडिया में असहमति को कुचला जा सके।”
उन्होंने दावा किया, ‘‘कानून-व्यवस्था की वास्तविक स्थिति तब सामने आई, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में वाराणसी की अपनी यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के बजाय पुलिस अधिकारियों से सीधे बातचीत की।’’
यादव ने आरोप लगाया, “ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि ऐसी खबरें आई थीं, जिनमें सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारियों को कानून-व्यवस्था के उल्लंघन से जोड़ा गया था।”
उन्होंने हाल में हुई एक घटना पर भी चिंता जताई, जिसमें एक लड़की को उसके पहनावे को लेकर हुए विवाद के कारण बोर्ड परीक्षा में बैठने से कथित तौर पर रोक दिया गया।
यादव ने इसके पहले ‘एक्स’ पर एक साथ कई तस्वीरें साझा करते हुए अपने पोस्ट में कहा, ‘‘पहनना-ओढ़ना अगर शासन-प्रशासन का आधार बनेगा तो इस देश में इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या होगा। निंदनीय।’’उन्होंने कहा, “यह उत्तर प्रदेश में हालात का चौंकाने वाला उदाहरण है- जहां पहचान को योग्यता और न्याय से ऊपर रखा जा रहा है।’’
यादव दिन में पहले अलीगढ़ पहुंचे और शहर के बाहरी इलाके में एक शादी समारोह में शामिल हुए। उनके दौरे का दक्षिणपंथी समूहों ने विरोध किया, जिसमें क्षत्रिय महासभा भी शामिल थी। क्षत्रिय महासभा ने राणा सांगा विवाद के कारण उनकी मौजूदगी का विरोध किया था।
कई प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे लहराए और नारे लगाए। हालांकि, पुलिस ने कहा कि भारी सुरक्षा बल की तैनाती ने शांति भंग नहीं होने दी और कम से कम दो प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
यादव ने कार्यक्रम स्थल से जाने से पहले कहा, ‘‘हम सच बोलना जारी रखेंगे और लोगों के साथ खड़े रहेंगे।’’