नयी दिल्ली: 18 जुलाई (ए) दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को नौ साल पहले 14 साल की लड़की के कपड़े उतारने, उसका शील भंग करने और यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत एक व्यक्ति के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिस पर अप्रैल 2015 में पीड़िता के घर में जबरन घुसकर उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप था।अदालत ने आठ जुलाई के आदेश में कहा, “माना जाता है कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ घर में जबरन घुसने, लड़की की गरिमा को ठेस पहुंचाने, उसके कपड़े उतारने और यौन उत्पीड़न के अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 451, 354, 354बी और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की धारा 8 के तहत अपना मामला विधिवत सही साबित कर दिया है।”
अदालत ने कहा कि चूंकि पीड़िता के बयान एक समान रहे हैं, इसलिए वह एक विश्वसनीय गवाह है।
पीठ ने कहा कि पीड़िता के पिता घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं और उन्होंने घटना से जुड़े में पीड़िता के बयान की पुष्टि की है, जिससे उसका बयान ‘और भी अधिक विश्वसनीय’ हो जाता है।
अदालत ने कहा, “इसलिए आरोपी को दोषी करार दिया जाता है।”
मामले में सजा पर जिरह बाद में होगी।