रांची: नौ जून (ए) रांची के कारोबारी एवं नेता संजय सेठ का करियर बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा है और 1992 में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा के दौरान अपनी गिरफ्तारी के बाद वह 25 दिन जेल में रहे थे।
सेठ ने 1976 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक छात्र नेता के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और पहली बार 2019 में सांसद बने।वह गर्व से बताते हैं कि अपने छात्र जीवन से लेकर अब तक उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और हर बार विभिन्न सामाजिक मुद्दों की वकालत करने के लिए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई।
आडवाणी की रथ यात्रा के दौरान अपनी गिरफ्तारी के बाद सेठ 25 दिन रांची केंद्रीय कारागार में रहे थे।
सेठ का जन्म 25 अगस्त, 1959 को हुआ था। उन्होंने बी.कॉम, एलएलबी और पीजीडीबीएम डिग्री हासिल की है।
संसद के लिए 2019 में चुने जाने के बाद से सेठ ने विभिन्न संसदीय समितियों में अपनी सेवाएं दी हैं।
इस बार के लोकसभा चुनाव में सेठ ने कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय की बेटी एवं पार्टी की उम्मीदवार यशस्विनी सहाय को हराकर रांची सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।