नागपुर, 20 अगस्त (ए) मध्य प्रदेश में नागपुर निवासी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पदाधिकारी सना खान की इस महीने की शुरुआत में हुई हत्या के मामले की जांच कर रही पुलिस ने रविवार को कहा कि उसे पता चला है कि सना को कथित तौर पर उसके पति और अन्य द्वारा संचालित ‘सेक्सटॉर्शन’ गिरोह में शामिल होने को बाध्य किया गया। .
यह गिरोह ने सना का इस्तेमाल लोगों को मोहपाश में फंसाने (हनी ट्रैप) के लिये करता था।.
सेक्सटॉर्शन’ के तहत अपराधी किसी व्यक्ति की आपत्तिजनक तस्वीरें या यौन गतिविधि से संबंधित वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देकर धन की वसूली समेत अन्य मांगें पूरी करवाने की कोशिश करते हैं।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने गिरोह के जरिये मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के कई लोगों को निशाना बनाया और पीड़ितों को ब्लैकमेल करके करोड़ों रुपये कमाए।
खान की मां ने रविवार को नागपुर पुलिस में शिकायत दर्ज करके आरोप लगाया कि उसकी बेटी को धमकी देकर उक्त गिरोह में शामिल होने के लिए बाध्य किया गया।
पुलिस ने कहा कि सना की मां की शिकायत पर उसके (सना के) पति अमित उर्फ पप्पू साहू (37) और उसके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस सना की हत्या के मामले में साहू और दो अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इस महीने की शुरुआत में मध्य प्रदेश के जबलपुर में 34 वर्षीय सना की हत्या कर दी गई थी।
सना नागपुर में भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की पदाधिकारी थी। बेटी के साहू से मिलने के लिए एक अगस्त को जबलपुर जाने के बाद जब उसका पता नहीं चला, तो यहां के अवस्थी नगर की निवासी सना की मां मेहरूनिशा ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस ने कहा कि साहू को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और उसने पुलिस को बताया कि सना उसकी पत्नी थी और उसने पैसे और व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर उसकी हत्या कर दी और उसके शव को जबलपुर में एक नदी में फेंक दिया।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी जांच से पता चला कि साहू एक गिरोह चलाता था, जो सना का इस्तेमाल लोगों को मोहपाश में फंसाने के लिये करता था। यह गिरोह पुरुषों को निशाना बनाता और उनके पास सना को भेजता। इसके बाद वह उनके साथ शरीरिक संबंध स्थापित करती। इसके बाद वह पीड़ितों की आपत्तिजनक अवस्था की वीडियो रिकॉर्ड करने के साथ उनकी फोटो भी खींचा करती थी और फिर पैसे के लिए ऐसे लोगों को ब्लैकमेल करती थी।’’
अधिकारी ने कहा कि इस तरह से गिरोह के सदस्य हर पीड़ित से लाखों रुपयों की वसूली करते थे। उन्होंने बताया कि सना वर्ष 2021 में इस गिरोह का हिस्सा बनी थी।
पुलिस ने साहू और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 386 और 389 (सभी जबरन वसूली से संबंधित), 354 (डी) (पीछा करना), 120 (बी) (आपराधिक साजिश), 34 (सामान्य इरादा) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।