मुंबई, 23 अक्टूबर (ए) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि यह कानूनी और संवैधानिक पड़ताल में खरा उतरे।.
फडणवीस का आश्वासन ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए कोटा घोषित करने की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा सरकार को दी गई समयसीमा की समाप्ति की पूर्व संध्या पर आया है।.भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि शिक्षा और सरकारी नौकरियों में कोटा देने पर जल्दबाजी में लिया गया फैसला उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द किया जा सकता है।
फडणवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जोर देकर कहा है कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहती है जो कानूनी और संवैधानिक परीक्षण में खरा उतरे। मान लीजिए कि शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का निर्णय जल्दबाजी में लिया जाता है, तो उस स्थिति में, अदालत इसे रद्द कर देगी और सरकार को समुदाय को धोखा देने की आलोचना का सामना करना पड़ेगा।’’
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पुनर्गठन की मराठा क्रांति मोर्चे की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे इस मुद्दे पर जरूर फैसला लेंगे।
कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने एक दिन पहले कहा था कि अगर सरकार मंगलवार तक मराठा समुदाय को आरक्षण देने में विफल रहती है तो वह 25 अक्टूबर से आमरण अनशन शुरू करेंगे।