साल 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को प्रशासन का जरूरी हिस्सा मान लिया था: मोदी

राष्ट्रीय
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शिमला, 31 मई (ए) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से पहले भ्रष्टाचार को प्रशासन का जरूरी हिस्सा मान लिया गया था। उन्होंने कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है।

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की आठवीं वर्षगांठ के मौके पर शिमला के रिज मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘2014 से पहले की तुलना में अब देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना हो या छात्रवृत्ति या कोई अन्य योजना, हमने लोगों को सीधे इसका लाभ पहुंचा भ्रष्टाचार को मिटा दिया है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खातों में 22 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि स्थानांतरित की है।’’ उन्होंने दावा किया कि देश में गरीबी कम हो रही है और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी इसे स्वीकार कर रही हैं। मोदी ने कहा कि 2014 से पहले विभिन्न घोटालों की खबरें आती थीं लेकिन अब उनकी सरकार की विकास योजनाओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की चर्चा है।

मोदी ने आरोप लगाया कि 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को प्रशासन का जरूरी हिस्सा मान लिया था, तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी।

कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि देश में कोविड-19 रोधी टीकों की करीब 200 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।

प्रधानमंत्री ने रैली में कहा कि भारत ने विभिन्न देशों को कोविड के टीके निर्यात किए और हिमाचल प्रदेश की बद्दी औद्योगिक इकाई ने उन टीकों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब भारत मजबूरी में नहीं बल्कि दूसरों की मदद के लिए दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, जैसा कि कई देशों को कोविड-19 रोधी टीके उपलब्ध कराकर किया गया।’’

बिलासपुर में निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारी योजना देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने की है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘मैं खुद को प्रधानमंत्री नहीं बल्कि ‘प्रधान सेवक’ और 130 करोड़ भारतीयों के परिवार का सदस्य मानता हूं और मेरा जीवन उनके लिए है।’’

रैली से पहले प्रधानमंत्री ने विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत की और किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त के रूप में 21,000 करोड़ रुपये जारी किए। शिमला के माल रोड पर पहुंचने के बाद मोदी, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ दिन में करीब 11.30 बजे रिज मैदान में रैली स्थल पर गए। वहां, प्रधानमंत्री ने देशभर के, विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की।

इस दौरान, प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के कलबुर्गी की एक महिला संतोषी से कहा कि वह जिस तरह से अपने विचार व्यक्त करती हैं उससे वह प्रभावित हैं और अगर वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यकर्ता होतीं तो वह उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहते।

लद्दाख के एक पूर्व सैनिक ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें जल जीवन मिशन और पीएम आवास योजना से फायदा हुआ है और योजना का लाभ उठाने में उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

बिहार के बांका जिले की ललिता देवी ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत एक पक्का घर और एक शौचालय मिला है। त्रिपुरा के पंकज साहनी ने कहा कि उन्हें ‘एक राष्ट्र, एक कार्ड’ योजना के तहत राशन कार्ड मिला है।

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर की रहने वाली समा देवी ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत एक पक्का घर बनाने के लिए एक लाख रुपये मिले और उन्हें किसान सम्मान निधि के तहत एक वर्ष में तीन किस्तों में 6,000 रुपये भी मिले। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त के रूप में 80 करोड़ किसानों को 21,000 करोड़ रुपये जारी किए।

रैली में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के मंत्री सुरेश भारद्वाज, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और शिमला के सांसद सुरेश कश्यप भी मंच पर मौजूद थे।