नयी दिल्ली, चार सितंबर (ए ) उच्चतम न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार की उस याचिका को शुक्रवार खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दिये जाने का अनुरोध किया था।
प्रधान न्यायधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “माफ कीजिए। हम इच्छुक नहीं हैं। खारिज।”
कुमार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने दलील दी कि कुमार को स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए क्योंकि वह 20 महीनों से जेल में हैं और उनका वजन करीब 16 किलो कम हो गया है। उन्हें पहले से हुए कई रोगों का भी इलाज कराने की जरूरत है।
कुछ दंगा पीड़ितों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फूलका ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कुमार को जिस उपचार की जरूरत है वह अस्पताल में उन्हें दिया जा रहा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 17 दिसंबर 2018 को मामले में उन्हें और अन्य को दोषी ठहराया गया जिसके बाद से कुमार आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
उच्च न्यायालय ने एक-दो नवंबर 1984 को दक्षिणपश्चिम दिल्ली में पालम कालोनी के राज नगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2
में एक गुरुद्वारा जलाने के मामले में निचली अदालत द्वारा 2013 में कुमार को बरी किये जाने के फैसले को पलट दिया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किये जाने के बाद दंगे भड़क गए थे।