सुजु (जापान), तीन जनवरी (ए)। पश्चिमी जापान में आए भूकंप के शक्तिशाली झटकों में कम से कम 73 लोगों की मौत हो चुकी है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे में कई लोगों के अब भी फंसे होने की आशंका के बीच बुधवार को बचावकर्मियों ने खोजी कुत्तों की मदद से तलाशी अभियान चलाया।
जापान के इशिकावा प्रांत और आसपास के इलाकों में बुधवार को 4.9 तीव्रता के झटके महसूस हुए। यह सोमवार दोपहर को आये 7.6 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद महसूस किए गए कई झटकों में से एक था। भूकंप का केंद्र तोक्यो से करीब 300 किलोमीटर दूर नोटो के निकट था। भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी जारी की गई, जिसके बाद कुछ स्थानों पर एक मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं।
प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘40 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। यह समझ लीजिए कि हम एक तरह से समय के साथ दौड़ लगा रहे हैं और मुझे लगता है कि हम एक नाजुक दौर में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें खबरें मिली हैं कि कई लोग अभी भी ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे में दबे हैं और बचाव का इंतजार कर रहे हैं।’’ राहत अधिकारी प्रभावित लोगों तक पानी, कपड़े, भोजन और अन्य सामग्री पहुंचा रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में अभी भी पानी, बिजली और फोन सेवाएं बाधित हैं। भूकंप के कारण जिन शहरों में भारी क्षति हुई, उनमें सुजु भी शामिल है। यहां के मेयर मासुहिरो इजुमिया ने कहा, ‘‘शायद ही कोई घर सही सलामत बचा हो, घर या तो आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं या फिर पूरी तरह तबाह हो गये हैं।’’
मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए सेना और दमकलकर्मियों के अलावा, खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। हालांकि, ऐसे लोगों की सटीक संख्या स्पष्ट नहीं है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में इशिकावा में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। भारी वर्षा से भूस्खलन होने की आशंका है। तापमान भी शून्य से नीचे पहुंच गया है। इशिकावा के प्रांतीय अधिकारियों के अनुसार, मृतकों में से 29 लोग वाजिमा शहर के और 22 सुजु शहर के थे। आसपास के प्रान्तों के भी कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। वाजिमा में दो अन्य मौतों की आधिकारिक पुष्टि होना अभी बाकी है। इसके बाद मरने वालों की संख्या 64 तक पहुंच सकती है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा, ‘‘जापान के लोगों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं। हम अपनी ओर से सहायता की पेशकश करते हैं और जो भी सहायता मांगी जाएगी, वह प्रदान करने के लिए हम तैयार हैं