उन्नाव, 19 फरवरी (ए)। यूपी के उन्नाव जिले में दो दलित लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पड़ोस के गांव के निवासी एक युवक और उसके एक नाबालिग साथी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के मुताबिक यह घटना एकतरफा प्रेम के चलते हुई और लड़कियों को पानी में कीटनाशक मिलाकर पिलाया गया था।
लखनऊ रेंज की पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह ने बताया कि उन्नाव जिले में असोहा इलाके के बबुरहा गांव के बाहर दो किशोरियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पड़ोस के गांव पाठकपुर निवासी युवक विनय कुमार और उसके एक नाबालिग साथी को स्थानीय पुलिस, स्वाट टीम तथा लखनऊ जोन की सर्विलांस टीम ने मुखबिर की सूचना पर पाठकपुर तिराहे से गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि यह घटना एकतरफा प्रेम प्रसंग के चलते हुई। लड़कियों को पानी में कीटनाशक मिलाकर पिलाया गया था।
लक्ष्मी ने कहा कि विनय मृत लड़कियों में से एक से एकतरफा प्रेम करता था और उसने उसके सामने प्रेम प्रस्ताव रखा था, जिसे लड़की ने ठुकरा दिया था। इसके बाद वह उससे दुर्भावना रखने लगा था।
पुलिस महानिरीक्षक के मुताबिक विनय कुमार ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह उन लड़कियों में से एक से एकतरफा प्रेम करता था लेकिन प्रेम प्रस्ताव ठुकराए जाने और मोबाइल नंबर देने से इनकार किए जाने की वजह से वह उससे बेहद नाराज था और उसने उस लड़की को जान से मारने का मन बना लिया था।
विनय के मुताबिक घटना वाले दिन उसने घर से लाई गई पानी की बोतल में कीटनाशक मिला दिया था और अपने नाबालिग दोस्त से नमकीन मंगवाकर खेत पर आया था जहां पहले से ही तीनों लड़कियां चारा काट रही थीं। उसने उन लड़कियों को बुलाकर नमकीन खिलाई। उन्होंने जब पानी मांगा तो उसने उस लड़की को पानी पीने को दे दिया जिसे वह चाहता था, लेकिन देखते ही देखते बाकी दोनों लड़कियों ने भी वह पानी पी लिया, जिससे उन दोनों की मौत हो गई।
गौरतलब है कि असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव में गत 17 फरवरी की शाम खेतों पर घास लेने गईं तीन दलित किशोरियों के एक खेत में संदिग्ध अवस्था में बेसुध पाए जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। चिकित्सकों ने कोमल (15) और काजल (14) को मृत घोषित कर दिया था, जबकि रोशनी (16) को गंभीर हालत में उन्नाव अस्पताल ले जाया गया और बाद में कानपुर रेफर कर दिया गया।
इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर हमला किया था। इस मामले की गूंज उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों में भी सुनाई दी थी।