नई दिल्ली,13 जून (ए)। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। कोरोना के नए मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज होने के बाद कई राज्यों ने धीरे-धीरे पाबंदियां कम करनी शुरू कर दी हैं। इस बीच, विशेषज्ञों ने दाढ़ी से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की चेतावनी दी है। एक ओर जहां पुरुषों को दाढ़ी रखना पसंद है, तो वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में बंद थे, ऐसे में वे अपनी दाढ़ी भी कटवाने से कतरा रहे थे, लेकिन हाल ही विशेषज्ञों ने जो कहा है, उसके जानने के बाद अगर आप भी दाढ़ी रखते हैं, तो सावधान हो जाएं। डॉक्टरों ने बताया है कि दाढ़ी रखने से कोरोना होने का खतरा बढ़ सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्माटोलॉजी के सदस्य डॉ. एंथनी एम रोसी का कहना है कि कोरोना महामारी का फैलाव दाढ़ी जरिए भी हो सकता है। इसका मतलब है कि सिर्फ मास्क पहनने से कोरोना से बचाव नहीं हो सकता। उनका कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मास्क पहनने पर काफी जोर दिया जा रहा है। लोग भी बिना मास्क के घरों से बाहर नहीं निकलते हैं। जो लोग दाढ़ी रखने के शौकीन हैं, उन्हें मास्क लगाने से पूरी सुरक्षा नहीं मिल सकती। दाढ़ी रखने वाले लोगों का चेहरा मास्क लगाने पर पूरी तरह से कवर नहीं हो पाता। ऐसे में उनमें कोरोना संक्रमण होने की संभावना रहती है। कोई भी वायरस नाक के जरिए श्वसन नली से होते हुए शरीर में पहुंचता है। इसके बाद फेफड़ों से होते हुए पूरे शरीर में फैल जाता है। वहीं, मास्क पहनने पर मास्क की परतें हवा के लिए फिल्टर का काम करती हैं। इससे हवा फिल्टर होकर नाक के भीतर पहुंचती है। यह ज्यादा साफ होती है। मास्क की खासियत होती है कि इसमें लीकेज नहीं होता है, यानी सांस लेते वक्त किनारों से हवा अंदर नहीं जा सकती है। इससे वायरस नाक से होकर अंदर नहीं जा सकते। लेकिन दाढ़ी होने पर वायरस को अंदर जाने का रास्ता मिल जाता है। उनकी चेतावनी से स्पष्ट होता है कि अगर आपकी दाढ़ी लंबी है, घनी है तो मास्क लगाने के दौरान चेहरा पूरी तरह कवर नहीं होगा। ऐसे में लोगों से बात करते वक्त या बाहर घूमते वक्त मास्क के किनारों से कोरोना वायरस संक्रमित कर सकता है। क्लीन सेव पर फिट रहेगा मास्क सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का मानना है कि चेहरे पर बाल जितने कम होंगे, मास्क उतनी ही अच्छी तरह से फिट होगा। ठीक ढंग से फिट होने पर मास्क हवा से फैलने वाली बहुत सी बीमारियों से बचा सकता है। एजेंसी फॉर टॉक्सिक सब्सटेंस एज एंड डिजीज रजिस्ट्री के पूर्व चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर रॉबर्ट अमलेर का कहना है कि ज्यादातर लोगों को मास्क पहनना नहीं आता है। अगर दाढ़ी या मूंछों के साथ मास्क लगाया जाए तो रेस्पिरेटर सील से लीकेज का खतरा काफी बढ़ जाता है।