स्वामी के साथ शक्ति प्रदर्शन कर बुरे फंसे अखिलेश,चुनाव आयोग की रोक के बावजूद भीड़ जुटाने पर ऐक्शन

राष्ट्रीय
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लखनऊ, 14 जनवरी (ए)। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ को इकट्ठा करना महंगा साबित हो सकता है। दरअसल लखनऊ स्थित सपा मुख्‍यालय पर सदस्यता समारोह के दौरान उमड़ी हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी डीएम को जांच के आदेश दिए। इसके बाद लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने एक टीम को भेजकर वीडियोग्राफी कराई है। डीएम अभिषेक का कहना है कि समाजवादी पार्टी का कार्यक्रम बिना अनुमति के किया गया है। सूचना मिलने पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस टीम को सपा दफ़्तर भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी। 
कोरोना की तीसरी लहर के बीच हो रहे यूपी विधानसभा चुनाव में संक्रमण की रोकथाम को लेकर चुनाव आयोग ने गाइडलाइन जारी की है। सभी दलों को इन गाइडलाइंस का पालन करते हुए चुनाव प्रचार करना है पर आज सपा कार्यालय पर सदस्यता समारोह में हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ जुट गई। दरअसल मौका था, स्‍वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी सहित छह विधायकों के सपा ज्‍वाइन करने का। इन सबने पिछले दिनों बीजेपी छोड़कर आज सपा ज्‍वाइन की है। इस मौके पर पार्टी की ओर से वर्चुअल रैली का आयोजन किया गया था। 
चुनाव आयोग की ये है गाइड लाइंस
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान करते हुए चुनाव आयोग ने साफ कर दिया था कि किसी भी राज्य में रैलियों और रोड शो के आयोजन की इजाजत नहीं होगी। इसके अलावा किसी नुक्कड़ सभा का आयोजन भी सार्वजनिक स्थानों पर नहीं किया जा सकेगा। साइकिल रैली और बाइक रैली और पदयात्रा जैसी चीजों पर भी रोक रहेगी। बाइक रैली पर भी पाबंदी रहेगी। रात 8 बजे के बाद चुनाव प्रचार पर रोक रहेगी। चुनाव आयोग ने चुनावी पार्टियों से कहा है कि वो ज्यादा से ज्यादा वर्चुअल रैली या डिजिटल रैली पर जोर दें। ये सभी पाबंदियां 15 जनवरी तक के लिए लागू की गई थीं।
चुनाव आयोग ने साफ किया था कि 15 जनवरी के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी और फिर आगे इसपर फैसला लिया जाएगा। चुनाव आयोग ने यहां तक कहा है कि डोर टू डोर कैंपेन में भी 5 से ज्यादा लोग नहीं जा सकते हैं। लेकिन इस बीच शुक्रवार को जब सपा मुख्‍यालय पर नेताओं के हजारों समर्थकों-कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी तो इन सारी पाबंदियों और कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती साफ नज़र आईं।