लखनऊ, 20 जुलाई (ए)। यूपी की
योगी सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफा देने की खबर ने बुधवार को राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी। दिनेश खटीक ने मंगलवार को एक ओर अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा तो दूसरी ओर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर उन्हें भी एक प्रति दी। इस्तीफे के लिए लिखा गया पत्र बुधवार को दोपहर में वायरल हुआ। इस इस्तीफे को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुख्यमंत्री के पास संस्तुति के लिए भेज दिया है।
पत्र में दिनेश खटीक ने दलित होने के कारण अधिकारियों द्वारा सुनवाई न होने, तबादलों और नमामि गंगे योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। पत्र की अंतिम पंक्ति में उन्होंने त्यागपत्र देने की बात कही है। हालांकि दिनेश खटीक के इस पत्र को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं। इसे दबाव की राजनीति करार दिया जा रहा है।
नाटकीय ढंग से शुरू हुआ घटनाक्रम
हस्तिनापुर सीट से विधायक दिनेश खटीक जलशक्ति राज्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। इसके बाद पूरे मंत्रिमंडल की एक बैठक अलग से दोपहर 12 बजे बुलाई गई। इसमें सभी कैबिनेट, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्रियों को बुलाया गया। दिनेश खटीक इस बैठक में पहुंचे ही नहीं। सूत्रों का कहना है कि एक दिन पहले वह संगठन मंत्री सुनील बंसल से भी मिले थे।