नई दिल्ली,23 अगस्त (ए)। पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार किए गए टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की रिहाई को लेकर स्पेशल जज को धमकी दी गई है। कहा गया है कि अगर अनुब्रत मंडल को इस मामले में जमानत नहीं दी गई तो उनके परिवार को झूठे केस में फंसा दिया जाएगा। स्पेशल जज की तरफ से इस मामले की शिकायत कर दी गई है और कार्रवाई की मांग हो रही है। बताया जा रहा है कि राजेश चक्रबर्ती नाम के जज को किसी बप्पा चटर्जी नाम के शख्स से एक चिट्ठी मिली है। उस चिट्ठी में साफ कहा गया है कि अगर अनुब्रत मंडल को जमानत नहीं दी गई तो उनके परिवार को एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत किसी मामले में फंसा दिया जाएगा। चिट्ठी में लिखा है कि आपको आदेश दिया जाता है कि टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को तुरंत छोड़ दिया जाए, ऐसा नहीं होने पर आपके परिवार पर NDPS के तहत मामला दर्ज करवाया जाएगा। ये बात आपको जानकारी के लिए पहले ही बता दी गई है। वैसे जिस केस में अनुब्रत मंडल गिरफ्तार हुए हैं, वो अवैध मवेशियों की तस्करी से जुड़ा हुआ है। साल 2020 में सीबीआई ने बीएसएफ के एक पूर्व कमांडर को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद ही इस मामले के तार अनुब्रत मंडल से जुड़ गए थे। फिर इसी साल 11 अगस्त को सीबीआई ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए टीएमसी के जिला प्रमुख अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया। इस धमकी वाली चिट्ठी के बाद से बीजेपी फिर टीएमसी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर है। आरोप लगाया गया है कि अनुब्रत की गिरफ्तारी के बाद भी ममता लगातार उनका बचाव कर रही थीं। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा है कि सीबीआई जज को धमकी भरी चिट्ठी मिली है। कहा गया है कि अगर अनुब्रत को नहीं छोड़ा गया तो जज के परिवार को फर्जी मामले में फंसाया जाएगा। ममता इस समय इसी नेता का बचाव कर रही हैं, उसकी गिरफ्तारी के बाद भी उसे बचाने का प्रयास हो रहा है।