लखनऊ, 22 मार्च (ए) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अमेठी में एक व्यक्ति के साथ रह रहे सारस को वन विभाग द्वारा पक्षी विहार में भेजे जाने की घटना को लेकर सरकार पर बुधवार को निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अगर सरकार सारस छीन रही है तो उन लोगों से मोर भी छीन लेना चाहिये जो उसे दाना खिला रहे थे।.
यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में अमेठी के जामो क्षेत्र में आरिफ नामक व्यक्ति के साथ पिछले करीब एक साल से रह रहे सारस को वन विभाग की टीम द्वारा मंगलवार को रायबरेली के समस्तपुर पक्षी विहार में भेजे जाने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने वह सारस सिर्फ इसलिये ‘छीना’ क्योंकि वह गत पांच मार्च को आरिफ और उस सारस से मुलाकात करने और बधाई देने चले गये थे।.उन्होंने कहा, ”क्या यही लोकतंत्र है? लोगों ने कुत्ते—बिल्ली पाले हुए हैं। न जाने कितने पालतू कुत्तों ने कितने लोगों को काटा है। सरकार ने उस पर क्या किया।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए उनका नाम लिये बगैर कहा, ”सरकार अगर सारस को छीन रही है तो सरकार को उनसे भी मोर भी छीन लेना चाहिए जो उसे दाना खिला रहे थे। क्या सरकार की हिम्मत है वहां पहुंच जाने की। यह सरकार ने सिर्फ इसलिए किया क्योंकि सारस और उसे पालने वाले आरिफ से मैं मिलकर आ गया। सरकार ने उस सारस को कैद कर लिया है। सरकार बताए कि आखिर उसने सारस को कहां कैद किया है।”
गौरतलब है कि करीब दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक वीडियो मीडिया में आया था जिसमें वह मोर को दाना खिला रहे थे। इसे लेकर खासी चर्चाएं हुई थीं।
अखिलेश के संवाददाता सम्मेलन के दौरान आरिफ भी मौजूद थे। आरिफ का साथी बनकर रह रहे सारस को वन विभाग की टीम ने रायबरेली के समस्तपुर पक्षी विहार में भेज दिया है।
विभागीय अधिकारियों का दावा है कि अमेठी के जामो विकास खंड के मंडखा निवासी आरिफ के साथ रह रहे सारस को उसके प्राकृतिक परिवेश में पहुंचाने के लिये मंगलवार को पक्षी विहार में भेजा गया है। विभाग की टीम ने आरिफ से मुलाकात कर इसके लिये सहमति भी ली थी।
सपा अध्यक्ष ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जुल्म—ज्यादती का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पिछले साल दिसम्बर में कानपुर जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी से मुलाकात करने गये थे, उसके अगले ही दिन उन्हें महराजगंज जेल स्थानांतरित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि सपा नेता आजम खां और उनका परिवार इसलिये परेशानी में हैं क्योंकि वे समाजवादी हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि न सिर्फ किसानों और आम लोगों की दुश्मन है बल्कि पेड़ों और पक्षियों की भी दुश्मन है।
उन्होंने कहा, ”मुझे याद है कि हमारी सरकार ने इटावा में सारस संरक्षण के लिए एक अनुसंधान केंद्र की योजना बनाई थी, उसे भी सरकार ने बंद कर दिया। इटावा में सारस का संरक्षण केंद्र बन रहा था उसे इस सरकार ने छीन लिया। सारस मित्र बनाए जा रहे थे लेकिन सरकार ने उनका मानदेय खत्म कर दिया। बर्ड फेस्टिवल होते थे, उन्हें भी खत्म कर दिया। भाजपा वालों से आप उम्मीद नहीं कर सकते कि वे पर्यावरण के लिए भी कुछ कर सकते हैं।”
यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले महीने लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिये बड़ी तादाद में पेड़ काट दिये और जो गमले लगाये गये थे उन्हें भाजपा के लोग चोरी कर ले गये।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह संविधान को खत्म करने के लिये काम कर रही है। उसका एक-एक कदम लोकतंत्र को खत्म करने के लिए है।
आगामी 25 मार्च को प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ से जुड़े एक सवाल पर यादव ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिये कि उसके पिछले छह साल का हिसाब—किताब क्या है। किसानों का गन्ना मूल्य अब भी बकाया है। आलू खरीदा नहीं जा रहा है। सरकार बताए कि उसने पिछले छह साल में कितनी नौकरियां दी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने आरक्षण को छीनने का एक नया तरीका निकाला है। सरकार किसी विश्वविद्यालय या मेडिकल कॉलेज में नौकरी के लिये विज्ञापन निकालती है और किसी एक दावेदार को नौकरी दे देती है और बाकी को अयोग्य घोषित कर देती है। यह चिंता का विषय है कि जो खेल चल रहा है उसके बारे में हमें और आपको पता ही नहीं है।
इससे पहले, अखिलेश यादव ने सपा नेता प्रमोद त्यागी द्वारा लिखित किताब ‘कुंती : अंतर्कथा’ का विमोचन भी किया।