जयपुर,14 अगस्त एएनएस। राष्ट्रीय सिन्धी समाज द्वारा सिंध स्मृति दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय सिंधी वेबीनार सम्मेलन का आयोजन किया गया । राष्ट्रीय अध्यक्ष, पत्रकार और सिने अभिनेता कमल वरदानी ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अपने अपने प्रदेश में सिंधी अकादमियों के गठन और बजट बढ़ाने की मांग उठाएं ।
राष्ट्रीय महासचिव मुकेश सचदेव ,
राजस्थान सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ लाल थदानी, मुम्बई से साहित्यकार इंदिरा पूनावाला और बिहार सिन्धी पंचायत के नीरज जगवानी ने कहा कि भारत की आजादी के लिए हमारे सिन्धी समाज ने सिंध प्रदेश के साथ साथ व्यापार और परिवार का बहुत बड़ा बलिदान दिया है । आज 73 सालों के बाद भी हमें अपनी सिंधी बोली संस्कृति सभ्यता के सरंक्षण संवर्धन के लिए और सामाजिक , राजनैतिक अधिकारों के लिए झूझना पड़ रहा है । सिंध प्रदेश से बिछड़ने की पीड़ा को महाराष्ट्र प्रदेश की साहित्यकार इंदिरा पूनावाला और डॉ लाल थदानी ने अपनी लिखी हुई रचनाएं सुनाई ।
राष्ट्रीय सूत्रधार और गुजरात भाजपा के कर्मठ कार्यकर्त्ता ललित अगनानी , रत्न बाशानी (दोनों अहमदाबाद), गुल माखीजानी (वडोदरा) हरीश लालवानी और मनोज कोटवानी (खण्डवा) ने शहीद हेमू कालानी को नमन किया और कहा कि 18 साल की उम्र में फांसी पर झूलने वाले नौजवान का इतिहास किसी भी रूप में , शहीद भगत सिंह से कम नहीं है । ललिता की नानी ने जानकारी दी के शहीद हेमू कालानी पर हिन्दी में फ़िल्म के लिए प्रयासरत हैं । बांसवाड़ा से अनिल मेठानी और हरीश लखानी , छत्तीसगढ़ प्रदेश से शंकर लाल धनवानी , राधा राजपाल , गुरमुख वाधवानी ने कहा कि सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप, युटुब, ट्विटर के माध्यम से हमें राष्ट्रीय सिन्धी समाज की आवाज़ को बुलंद करने होगा और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से समस्याओं के निराकरण की पहल करनी चाहिए ।
राष्ट्रीय सिंधी समाज युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार दरयानी , निर्मल मंगवानी , अशोक कालरा , मोटवानी , किशोर सैनानी , गोविंद मीरपुरी , भूमि कृपलानी ने भी सिन्धीयत सम्बन्धित विचार रखे ।