बीजापुर, 22 जून (ए) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में संदिग्ध नक्सलियों ने एक पूर्व सरपंच एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेता की हत्या कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। .
उन्होंने बताया कि पुलिस ने काका अर्जुन (52) का शव बुधवार शाम कोंगुपल्ली-इलमिडी मार्ग पर बरामद किया। .
गवर्णा के मुताबिक, वहां पहुंचने के बाद अर्जुन ने अपनी पत्नी को गांव में छोड़ा और नागरिकों की वेशभूषा में आए पांच अज्ञात व्यक्तियों के साथ जंगल के भीतर चले गए।
उन्होंने बताया कि जब अर्जुन बहुत देर तक नहीं लौटे, तब उनकी पत्नी घर लौट आई।
गवर्णा के अनुसार, शाम को अर्जुन का शव सड़क पर पड़ा मिला, जिसके बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
गवर्णा के मुताबिक, घटनास्थल से माओवादियों की मद्देड एरिया कमेटी के नाम से जारी एक पर्चा बरामद किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि अर्जुन 2014 से भाजपा से जुड़े हुए थे और प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के खिलाफ काम कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि पर्चे में यह भी धमकी दी गई है कि यदि भाजपा से जुड़ा कोई भी व्यक्ति भाकपा (माओवादी) के खिलाफ काम करता हुआ पाया गया तो उसका भी यही हश्र होगा।
इस वर्ष फरवरी माह में बस्तर संभाग में संदिग्ध नक्सलियों ने तीन भाजपा नेताओं की हत्या कर दी थी।
मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस वारदात को ‘लक्षित हत्या’ करार दिया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अपने कार्यकर्ता की हत्या पर गुस्सा जाहिर किया और राज्य में कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कहा, “नक्सलियों द्वारा एक और नृशंस हत्या। बीजापुर जिला जनजाति मोर्चा के मंत्री, पूर्व सरपंच अर्जुन काका की बेरहमी से की गई हत्या से स्पष्ट है कि भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले नियोजित तरीके से मारा जा रहा है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था समाप्त हो चुकी है।”
वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा है, “भाजपा का एक और सिपाही शहीद! बीजापुर के इल्मीडी गांव में नक्सलियों ने भाजपा नेता काका अर्जुन की हत्या की। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।”
भाजपा ने कहा, “कांग्रेस शासन में नक्सलियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को जिस तरह से लक्षित करके उनकी निर्मम हत्या की जा रही है, उससे किसी बड़े षड्यंत्र का संकेत मिलता है। नक्सलियों को कांग्रेस पार्टी का संरक्षण प्राप्त है, इसकी पुष्टि भी साक्ष्यों के साथ समय-समय पर हुई है।”
पार्टी ने कहा, “कांग्रेस सरकार नक्सलियों पर लगाम लगाने में तो नाकाम रही ही है, उल्टे वह नक्सलियों का अभिभावक की तरह संरक्षण कर रही है। हमारी मांग है कि इन नक्सली वारदातों की उच्चस्तरीय जांच की जाए।”
वहीं, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इस घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए भाजपा की आलोचना की।
शुक्ला ने कहा, “हम इस घटना की निंदा करते हैं। भाजपा को इसे लक्षित हत्या बताकर इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “यदि भाजपा इस घटना को लक्षित हत्या करार दे रही है, तो वह क्या था, जब 2013 में बस्तर में झीरम घाटी हमले में हमारी पार्टी के नेता मारे गए थे। क्या वह भी लक्षित हत्या थी।”
शुक्ला ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार की नक्सलवाद के प्रति कई बरदाश्त न करने वाली नीति है और पिछले चार वर्षों में छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा की घटनाओं में काफी गिरावट दर्ज की गई है।