पटना, 13 जुलाई (ए) बिहार की नीतीश कुमार सरकार की शिक्षक भर्ती नीति के विरोध में बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे वरिष्ठ भाजपा नेताओं सहित हजारों कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।.
ऐतिहासिक गांधी मैदान में मार्च शुरू होने से पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी दल सरकार, खासकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जिन्होंने 10 लाख नौकरियों का वादा किया था।.चौधरी ने युवा राजद नेता के 2020 के विधानसभा चुनाव अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि हर कोई जानता है कि यह बयानबाजी किसने की थी, केवल एक व्यक्ति ने ऐसा किया था। अब इसे पूरा करने का समय आ गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछले साल अगस्त में राजग से नाता तोड़ राजद सहित अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर प्रदेश में नई महागठबंधन सरकार बना लेने पर भाजपा सत्ता से बाहर हो गयी थी ।
भाजपा कार्यकर्ता जिनमें से कई भगवा कुर्ता, साड़ी और सलवार सूट पहने हुए थे, पार्टी का झंडा लहराते हुए चल रहे थे जबकि कुछ प्रचार रथ पर बैठे थे।
नीतीश-तेजस्वी इस्तीफा दो जैसे नारे लगाते हुए जुलूस ने लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय की और डाक बंगला चौराहे पर उन्हें बैरिकेड्स का सामना करना पड़ा।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने कहा, ‘‘हमने सभी संवेदनशील स्थानों और बैरिकेड्स पर अतिरिक्त बल तैनात किए हैं और जहां आवश्यक हो वहां यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया गया है।’
पटना शहर का डाक बंगला चैराहा विधानसभा से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आमतौर पर इस स्थान से आगे जुलूस की अनुमति नहीं है।
जब कुछ आंदोलनकारियों ने बैरिकेड पार करने की कोशिश की तो पुलिस ने बल प्रयोग किया और पानी की बौछारों के अलावा आंसू गैस के गोले दागे जिससे भाजपा कार्यकर्ता भड़क गए।
विपक्षी दल ने शिक्षक नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को अपना समर्थन देने की मांग की है जो अन्य मुद्दों के अलावा भर्ती की ‘नो डोमिसाइल’ नीति से नाराज हैं।
हालांकि सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह शिक्षक संगठनों से उनकी मांग सुनने के लिए उनके साथ वार्ता करने को तैयार हैं।
शिक्षा विभाग ने आज से अगले एक सप्ताह तक सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की छुट्टियां रद्द करने और स्कूलों में शत प्रतिशत उपस्थिति का आदेश देने के साथ पटना में जिला प्रशासन से उन शिक्षकों की पहचान करने को कहा है जिन्होंने हाल ही में विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था।